Positive India: मां, मुझे माफ करो पहले भारत मां है Aligarh News

शहर की एक बेटी ने कोरोना आपदा में अपनी मां को कह दिया कि मां मेरे लिए इस वक्त कोरोना पीडि़तों की सेवा ही सब कुछ है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 09:15 AM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 11:53 AM (IST)
Positive India: मां, मुझे माफ करो पहले भारत मां है Aligarh News
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पारुल रावत, अलीगढ़ : प्रणाम!  समाज के ऐसे योद्धाओं को प्रणाम, जो कर्तव्य के हवन में तपते हैं लेकिन विचलित नहीं होते। कई बार ममता ऐसी होती है कि आग्रह करती है लेकिन साफ कह देते हैैं कि यह वक्त देश के लिए है। शहर की एक बेटी ने कोरोना आपदा में अपनी मां को कह दिया कि मां मेरे लिए इस वक्त कोरोना पीडि़तों की सेवा ही सब कुछ है। यह बेटी हैैं अलीगढ़ के चर्च कंपाउंड निवासी याचना जेनिफर। वह पटना एम्स में इस समय नर्सिंग ऑफिसर हैैं।

जेनिफर एम्स में है नर्सिंग ऑफिसर

जेनिफर ने 2013 में पटना में रहकर  एम्स से चार साल का नर्सिंग कोर्स किया। वर्ष 2017 में पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद नर्सिंग ऑफिसर नियुक्त हो गईं। इस दौरान उनके लिए कई तूफान आए लेकिन वह डिगी नहीं। बड़े भाई कुनाल जॉय कुमार 2016 में सड़क हादसे में घायल हो गए। करीब छह माह इलाज चला, लेकिन बच नहीं सके। कुनाल मास कम्युनिकेशन का कोर्स कर रहे थे। बेटे की मौत के बाद कैंसर से पीडि़त पिता ललित कुमार को शॉक लगा। उनकी तबीयत ज्यादा खराब रहने लगी। आखिर 2017 में उन्होंने दुनिया से विदा ले ली। इसके बाद परिवार में याचना और उसकी मां लीना जेनिफर ही रह गईं। हालातों से याचना युद्ध कर आगे बढ़ती रहीं। वह बीमार व पीडि़तों की सेवा की ठान वापस एम्स चली गईं। मां अलीगढ़ छोडऩे को तैयार न थीं, इसलिए फैसला लेना कठिन जरूर रहा। याचना का हर दो माह में कुछ दिनों के लिए आने का सिलसिला बना हुआ था। मार्च के शुरुआत में मां आने का इंतजार कर रही थी कि फोन आ  गया। याचना ने इस बार न आने का संदेश दे दिया। कुछ दिन बाद कोरोना की खबर लगते ही मां अपनी इकलौती बेटी को लेकर चिंतित हो गईं। नौकरी छोड़कर घर आने के लिए फोन पर कहा लेकिन याचना राजी न हुईं।

हर रोज 15 घंटे की ड्यूटी 

याचना एम्स में बाल रोग विभाग में कार्यरत हैं। वहीं हॉस्टल में रहती हैं। इन दिनों रोज करीब 12-14 घंटे ड्यूटी कर रही हैैंै। उनका कहना है कि अस्पताल में बीमार बच्चों की संख्या बढ़ रही है। यह समय मानवता का फर्ज अदा करने का है। मां परेशान हैं। समझा दिया है कि यह सेवा देश सेवा का है। भारत मां की सेवा का है। मैं जानती हूं, मेरी मां खुद को संभाल लेंगी।

चिंता तो है, पर सेवा भी जरूरी

लीना जेनिफर को अपनी बेटी की चिंता तो है, लेकिन मोबाइल फोन पर बातचीत के बाद बेटी पर गर्व कर रही हैं। उनका कहना है कि मानव सेवा जरूरी है। वह रोज वीडियो कॉल पर  हालचाल जानती हैं।

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