Crime follow-up : तीन माह से एक सवाल का जवाब न दे सकी की पुलिस, ये है मामला Aligarh news

कानून के हथियार से बड़े-बड़े मसले सुलझाने वाली पुलिस सूचना का अधिकार अधिनियम (आइटीआई) को हल्के में ले रही है। अलीगढ़ पुलिस से आरटीआई के तहत सिर्फ इतना पूछा गया था कि मैलरोज बाईपास पर हुए हमले में मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया?

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Fri, 19 Mar 2021 11:00 AM (IST) Updated:Fri, 19 Mar 2021 11:00 AM (IST)
Crime follow-up : तीन माह से एक सवाल का जवाब न दे सकी की पुलिस, ये है मामला Aligarh news
कानून के हथियार से बड़े-बड़े मसले सुलझाने वाली पुलिस सूचना का अधिकार अधिनियम (आइटीआई) को हल्के में ले रही है।
अलीगढ़, जेएनएन : कानून के हथियार से बड़े-बड़े मसले सुलझाने वाली पुलिस सूचना का अधिकार अधिनियम (आइटीआई) को हल्के में ले रही है। अलीगढ़ पुलिस से आरटीआई के तहत सिर्फ इतना पूछा गया था कि मैलरोज बाईपास पर हुए हमले में मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया? इस एक सवाल का जवाब तीन महीने बाद भी पुलिस न दे सकी। जबाव तलाशने के लिए आवेदन एसएसपी से लेकर पुलिस महानिदेशक के कार्यालय तक पहुंच गया। जबाव देने के हर कार्यालय से आदेश भी जारी हो चुके हैं। बावजूद इसके जबाव नहीं मिल सका। आवेदक ने राज्य सूचना आयोग में अपील की है।
बच्‍चों का झगड़ा बताकर पुलिस ने टाल दिया
मैलरोज बाईपास निवासी केशव देव ने 18 दिसंबर, 2020 को आरटीआई के तहत जन सूचना अधिकारी, एसएसपी कार्यालय में आवेदन कर सूचना मांगी थी। इसमें पूछा गया कि 10 दिसंबर, 2020 को आवेदक के ऊपर हमला हुआ था। तहरीर के साथ सीसीटीवी कैमरे के फुटेज बतौर साक्ष्य पुलिस को दिए गए। लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, आखिर क्यों? पुलिस ने बच्चों का झगड़ा बताकर घटना को टाल दिया। आवेदक के मुताबिक तय समय सीमा पर जवाब उपलब्ध न होने पर एसएसपी को प्रथम अपील 22 जनवरी, 2021 को की गई। इसके बाद भी जबाव उपलब्ध नहीं कराया गया। तब पुलिस महानिदेशक इस संबंध में पत्र भेजा गया। पुलिस महानिदेशक कार्यालय से आठ फरवरी को अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन को सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया।
आरटीआई को नहीं लिया गया गंभीरता से
अपर पुलिस महानिदेशक ने 22 फरवरी को आइजी अलीगढ़ को आदेशित किया। आइजी ने जन सूचना अधिकारी, एसएसपी कार्यालय को सूचनाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए। लेकिन, अब तक सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकीं। आवेदक ने कहा कि अलीगढ़ पुलिस के लिए उच्चाधिकारियों के आदेश कोई मायने नहीं रखते, न ही आरटीआई को गंभीरता से लिया जा रहा। अब राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर की गई है।
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