Fake DIG:फर्जी डीआइजी का नेटवर्क भेदने में जुटी पुलिस Aligarh News

उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के बन्नादेवी क्षेत्र में दबोचे गए फर्जी डीआइजी व उसके पिता का ठगी का जाल लखनऊ से लेकर अलीगढ़ तक कई जिलों में फैला था।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Thu, 09 Jul 2020 09:00 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 07:40 AM (IST)
Fake DIG:फर्जी डीआइजी का नेटवर्क भेदने में जुटी पुलिस Aligarh News
Fake DIG:फर्जी डीआइजी का नेटवर्क भेदने में जुटी पुलिस Aligarh News

अलीगढ़ [जेएनएन]:उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के बन्नादेवी क्षेत्र में दबोचे गए फर्जी डीआइजी व उसके पिता का ठगी का जाल लखनऊ से लेकर अलीगढ़ तक कई जिलों में फैला था।  पांच साल में वे नौकरी दिलाने व शादी के नाम पर कई लोगों को लाखों रुपये का भी चूना लगा चुके हैं। पुलिस शातिरों के नेटवर्क को भेदने में जुटी है। एक टीम लखनऊ भेजी जा रही है, जो आरोपितों के काले कारनामों की जानकारी करेगी। अभी तक जांच में ठगी से जुड़े दो दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।

यह है मामला

बन्नादेवी पुलिस ने लखनऊ के मानक नगर थाना क्षेत्र के 84 एफ, समर विहार कॉलोनी निवासी व फर्जी आइपीएस बने अनुज चावला व भेल कंपनी में अधिकारी पद से रिटायर्ड पिता राजेंद्र चावला को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पिता-पुत्र फर्जी तरीके से टै्रवल कंपनी की कार पर नीली बत्ती लगाकर व डीआइजी की स्टार प्लेट लगाकर चलते थे। राजेंद्र बेटे अनुज के आइपीएस होने का रौब जमाता था। सत्संग में जाने के दौरान लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर व बेटे की शादी कराने के नाम पर ठगी करने में लिप्त थे।

अन्यथा युवती का जीवन हो जाता बर्बाद

इंस्पेक्टर बन्नादेवी रङ्क्षवद्र कुमार दुबे ने बताया कि जांच में साफ हुआ है कि आरोपित शहर के एक धनाढ्य परिवार की युवती से शादी का रिश्ता तय करने को तीन महीने में चार बार अलीगढ़ आ चुके थे। गनीमत रही कि युवती के स्वजनों ने जल्दबाजी नहीं दिखाई, अन्यथा जीवन बर्बाद हो जाता और लाखों रुपये की ठगी भी हो जाती। शातिरों का बड़ा नेटवर्क सामने आया है। लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, हरदोई आदि जिलों से जुड़े ठगी के करीब 25 पीडि़तों ने पुलिस से फोन पर ही संपर्क किया है। अभी तक कोई पुलिस से आकर नहीं मिला है। गृह मंत्रालय की एनआइए शाखा को कब्जे से मिली जांच आख्या की पुष्टि के लिए पत्र भेजा गया है। 

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