मोटरसाइकिल के साइलेंसर को मोडिफाई करने पर लगेगा 15000 रूपये का जुर्माना

जिले में अब ऐसे दुपहिया वाहन चालकों विशेषकर रायल एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिल के स्वामियों की खैर नहीं जो वाहन निर्माता द्वारा केन्द्रीय मोटरयान नियमावली के नियम-120 के मानकों के अनुरूप लगाये गए साइलेंसर को निकलवाकर उसमें परिवर्तन (मोडिफाई) साइलेंसर लगाते हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 08 Nov 2021 05:26 PM (IST) Updated:Mon, 08 Nov 2021 05:41 PM (IST)
मोटरसाइकिल के साइलेंसर को मोडिफाई करने पर लगेगा 15000 रूपये का जुर्माना
बुलेट की साइलेंसर मोडिफाई करने पर भरना होगा जुर्माना।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  जिले में अब ऐसे दुपहिया वाहन चालकों विशेषकर रायल एनफील्ड, बुलेट मोटरसाइकिल के स्वामियों की खैर नहीं जो वाहन निर्माता द्वारा केन्द्रीय मोटरयान नियमावली के नियम-120 के मानकों के अनुरूप लगाये गए साइलेंसर को निकलवाकर उसमें परिवर्तन (मोडिफाई) साइलेंसर लगाते हैं। ऐसा करना न केवल मोटरयान अधिनियम-1988 की धारा-52 (वाहन में अनाधिकृत परिवर्तन) का उल्लंघन है। ऐसा करना धारा 190(2) (निर्धारित मानक से अधिक ध्वनि प्रदूषण) का भी उल्लंघन है। जहां धारा-52 के उल्लंघन में 5000 रूपये जुर्माने का प्रावधान है, वहीं धारा-190(2) के उल्लंघन में 10000 रूपये का जुर्माना मोटरयान अधिनियम के अन्तर्गत प्राविधानित किया गया है। इस प्रकार मोटरसाइकिल के साइलेंसर को निकलवाकर अथवा उसको मोडिफाई करने पर उल्लघंन करने वाले पर 15000 रूपये तक का जुर्माना हो सकता है।

बुलेट चालकों को दिए गए निर्देश

सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अमिताभ चतुर्वेदी ने उक्त जानकारी देते हुए जनपद के समस्त दोपहिया वाहनों विशेषकर रॉयल एनफील्ड बुलेट के स्वामियों व चालकों को निर्देशित किया है कि यदि उनके दोपहिया वाहन में निर्माता द्वारा लगाये साइलेंसर को निकाल लिया गया है अथवा उसमें परिवर्तन (मोडिफाई) किया गया है तो उसेे तत्काल सुधार करा लें। वाहन निर्माता द्वारा वाहन विक्रय के समय लगाए गए मानक के अनुरूप ओरिजिनल साइलेंसर पुनः लगवा लें। अन्यथा की स्थिति में विशेष अभियान चलाकर ऐसे वाहन स्वामियों, चालकों के विरूद्ध कार्यवाई करते हुए जुर्माना लगाया जाएगा। इसी के साथ ही समस्त स्पेयर पार्ट्स विक्रेता एवं मैकेनिक की दुकानें तथा गैराज एवं वर्कशॉप भी मॉडिफाइड साइलेंसर का विक्रय एवं फिटिंग तत्काल प्रभाव से न करें, अन्यथा इनके विरूद्ध भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे व्यक्ति उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना के भी उत्तरदायी होंगे। उन्होंने सचेत किया कि मोडिफाइड साइलेंसर लगाकर संचालित पाए जाने की स्थिति में मोटर वाहन अधिनियम-1988 की धारा-53 के अन्तर्गत वाहन का पंजीयन निलम्बित करने की कार्रवाई भी की जाएगी। यदि वाहन स्वामी के द्वारा मोटरसाइकिल मॉडिफाइड साइलेन्सर को हटाकर मानकयुक्त साइलेंसर नहीं लगाया जाता है तो पंजीयन निलम्बित रहने के 6 माह के उपरान्त धारा-54 के अन्तर्गत पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी।

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