भारत ने वसुधैव कुटुंबकम की नीति पर चलकर जरूरतमंद देशों को टीका उपलब्ध कराया : राजकुमार
क्षेत्रीय विधायक राजकुमार सहयोगी ने अधीक्षक डा. रोहित गोयल डा. जीके सारस्वत डा. रवि शर्मा डा. गौरव शाक्य के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों को अंग वस्त्र देकर व माला पहनाकर सम्मानित किया। विधायक ने कहा कि यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है ।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । इगलास कस्बा के लक्ष्मण देवदत्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देश में कोरोना वैक्सीनेशन का सौ करोड़ का आंकड़ा पूरा हाेने पर शनिवार को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
विधायक ने स्वास्थ्यकर्मियों को किया सम्मानित
क्षेत्रीय विधायक राजकुमार सहयोगी ने अधीक्षक डा. रोहित गोयल, डा. जीके सारस्वत, डा. रवि शर्मा, डा. गौरव शाक्य के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों को अंग वस्त्र देकर व माला पहनाकर सम्मानित किया। विधायक ने कहा कि यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि है । टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में स्वास्थ्य कर्मियों का अहम योगदान रहा है । इससे जहां आम लोग कोरोना जैसी महामारी से सुरक्षित हुए हैं, वहीं सरकार के कोरोना वेक्सीनेशन अभियान को बल मिला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व की बदौलत देश कोरोना पर काबू पाने में सफल हुआ । भारत ने ना केवल कोरोना का टीका बनाकर अपने देश के लोगों को सुरक्षित किया, बल्कि वसुधैव कुटुंबकम की नीति पर चलते हुए दुनिया के तमाम जरूरतमंद देशों को टीका उपलब्ध कराया । इस मौके पर कालीचरन गौड़, योगेंद्र शर्मा, अनिल बंसल, पंकज चौधरी, श्यामबाबू सिंह, सौनू चौधरी, लवकुश, सुनील सिंह, गवेंद्र सिंह, मौनू शर्मा, संतोष अग्रवाल, आकाश, कपिल शर्मा आदि थे।
सम्मेलन में मंविवि के कुलपति ने लिया भाग
इंडियन चैंबर आफ कामर्स द्वारा कोलकाता के एक निजी होटल में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसकी थीम शिक्षा में महामारी उत्प्रेरित कायापलट रही। सम्मेलन का आयोजन ऑफलाइन तथा ऑनलाइन मोड में हुआ। सम्मेलन में मंगलायतन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने भाग लिया। चौथा वैश्वीकृत शिक्षा मंच 2021 कार्यक्रम में वरिष्ठ सरकारी प्रतिनिधियों, शैक्षिक संस्थानों के प्रमुखों और शिक्षाविदों, उद्योग जगत के नेताओं, उपभोक्ताओं, टेक्नोक्रेट्स, राजनयिकों, नीति नियामकों और देश में शिक्षा क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण हितधारकों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य शिक्षण सीखने की प्रक्रिया में पारंपरिक और तकनीकी रूप से उन्नत तकनीकों के उभरते हुए समामेलन को उजागर करना था। इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए जिम्मेदार कायापलट पर विचार-विमर्श हुआ।