यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : सहयोगी ने 2019 में जीत दर्ज कर बचाई थी भाजपा की किलेबंदी

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। वैसे तो इगलास विधानसभा को रालोद का गढ़ कहा जाता है लेकिन पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से राजवीर दिलेर ने बड़ी जीत दर्ज कराई थी। इससे पहले भाजपा से स्व. मलिखान सिंह ने यहां कमल खिलाया था।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 15 Jan 2022 02:26 PM (IST) Updated:Sat, 15 Jan 2022 02:26 PM (IST)
यूपी विधानसभा चुनाव  2022 : सहयोगी ने 2019 में जीत दर्ज कर बचाई थी भाजपा की किलेबंदी
भाजपा ने राजकुमार सहयोगी पर विश्‍वास जताया है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। वैसे तो इगलास विधानसभा को रालोद का गढ़ कहा जाता है, लेकिन पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से राजवीर दिलेर ने बड़ी जीत दर्ज कराई थी। इससे पहले भाजपा से स्व. मलिखान सिंह ने यहां कमल खिलाया था। 2019 में हुए विस उप चुनाव में राजकुमार सहयोगी ने जीत दर्ज कर जनपद अलीगढ़ में भाजपा की किलेबंदी को बचाए रखा था। अब पुनः भाजपा ने राजकुमार सहयोगी पर विश्वास जताते हुए प्रत्याशी घोषित किया है।

पहली बार उपचुनाव में आजमाया था किस्‍मत

विधायक राजकुमार सहयोगी का जन्म 20 अगस्त 1966 अलीगढ़ में हुआ था। वह भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में इगलास विधानसभा से विधायक राजवीर दिलेर को भाजपा ने हाथरस लोकसभा क्षेत्र का प्रत्याशी बनाया था। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राजवीर दिलेर ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। पहली बार राजकुमार सहयोगी ने विधानसभा उप चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी। इगलास सीट पर ऐसा पहली बार हुआ था जब रालोद मुकाबले से बाहर रही। यहां भाजपा व बसपा में सीधा मुकाबला था। भाजपा के राजकुमार सहयोगी ने बसपा के अभय कुमार बंटी को शिकस्त दी थी। इसके बाद कोरोना की पहली व दूसरी लहर आ गई। महामारी के समय में राजकुमार सहयोगी को क्षेत्र में ज्यादा काम करने का मौका नहीं मिला। लेकिन इसके बाद भी वह निरंतर क्षेत्र में रहकर जनता से संपर्क करते रहे। जाट बाहुल्य विधानसभा में उन्हें जाट सिरोमणि राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के निर्माण व भाजपा सरकार के कार्यों के भरोसे अपनी नैय्या पार लगने की उम्मीद है।

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