डीएपी खाद न मिलने पर इगलास के किसानों का हंगामा, लगाया जाम

इगलास क्षेत्र में पिछले काफी दिनों से उर्वरक को लेकर मारामारी चल रही है। इगलास क्षेत्र में आलू उत्पादन सबसे अधिक होता है आलू की खेती के लिए अधिक डीएपी की आवश्यकता होती है। इस समय क्षेत्र में आलू की बुवाई का काम चल रहा है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 08 Nov 2021 01:11 PM (IST) Updated:Mon, 08 Nov 2021 01:15 PM (IST)
डीएपी खाद न मिलने पर इगलास के किसानों का हंगामा, लगाया जाम
सोमवार को खाद लेने पहुंचे किसानों ने हंगामा करते हुए अलीगढ़-मथुरा रोड पर जाम लगा दिया।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । इगलास क्षेत्र में पिछले काफी दिनों से उर्वरक को लेकर मारामारी चल रही है। इगलास क्षेत्र में आलू उत्पादन सबसे अधिक होता है आलू की खेती के लिए अधिक डीएपी की आवश्यकता होती है। इस समय क्षेत्र में आलू की बुवाई का काम चल रहा है। लेकिन किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध नहीं हो रहा है। सोमवार को खाद लेने पहुंचे किसानों ने हंगामा करते हुए अलीगढ़-मथुरा रोड पर जाम लगा दिया। जाम लगने की सूचना पर एसडीएम अनिल कुमार कटियार, सीओ अशोक कुमार सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने किसानों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया।

गुस्‍साए किसानों ने अलीगढ़ मथुरा रोड पर लगाया जाम

सोमवार को इफको केंद्र व सहकारी समिति इगलास पर किसान खाद लेने के लिए पहुंचे थे। लेकिन खाद न मिलने पर गुस्साए किसानों ने अलीगढ़-मथुरा रोड पर जाम लगा दिया और हंगामा करने लगे। जाम लगाने वालों में महिलाएं भी शामिल थी। किसानों का आरोप है कि कई कई दिनों से खाद के लिए चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्होंने खाद उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। सुबह से शाम तक लाइन में लगने के बाद खाद नहीं मिल रहा है। वहीं सेटिंग-गेटिंग से खाद बेचा जा रहा है। रातों-रात खाद का उठान कर दिया जाता है। जो किसान लाइन में लग रहे हैं उन्हें पांच बीघा के लिए सिर्फ एक बोरा दिया जा रहा है। वही, सेटिंग से एक ही किसान को 20 से 50 तक बोरे दिए जा रहे हैं।

अधिकारियों ने किसानों को समझाकर जाम खुलवाया

जाम की सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने किसानों को समझा-बुझाकर जाम खुलवाया। अधिकारियों ने बताया कि अभी सेंटर पर खाद उपलब्ध नहीं है। खाद आते ही वितरण शुरू करा दिया जाएगा। खाद की कोई कमी नहीं है किसान व्यवस्था बनाने में सहयोग करें। वहीं, कृषि विभाग के अधिकारियों ने अत्यधिक मात्रा में उर्वरक का प्रयोग न करने की भी सलाह दी है।

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