बिना सत्यापन के शहर में रह रहे आधे किरायेदार, पुलिस जांच में तथ्य आए सामने Aligarh news

मुमकिन है किरायेदार के रूप में आपके घर में अपराधी शरण ले रहा हो। किरायेदार का सत्यापन न कराने वाले लोगों पर पुलिस सख्ती करने जा रही है।

By Parul RawatEdited By: Publish:Wed, 22 Jul 2020 12:06 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jul 2020 12:06 PM (IST)
बिना सत्यापन के शहर में रह रहे आधे किरायेदार,  पुलिस जांच में तथ्य आए सामने  Aligarh news
बिना सत्यापन के शहर में रह रहे आधे किरायेदार, पुलिस जांच में तथ्य आए सामने Aligarh news

अलीगढ़, [जेएनएन]। जिले में आधे से अधिक किरायेदार बिना पुलिस सत्यापन के रह रहे हैं। पिछले दिनों कई अपराधियों की धरपकड़ के दौरान पुलिस को जांच के दौरान ऐसे मामले देखने को मिले। लोग घरों में किरायेदार तो रख लेते हैं लेकिन सत्यापन नहीं कराते। मुमकिन है किरायेदार के रूप में आपके घर में अपराधी शरण ले रहा हो। किरायेदार का सत्यापन न कराने वाले लोगों पर पुलिस सख्ती करने जा रही है। किराएदार किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त पाया जाता है तो मकान मालिक पर कार्रवाई होगी। 

केस-1 :  क्वार्सी के रामसनेही नगर में परचून कारोबारी दिनेश के बेटे का 20 जनवरी को किरायेदार कासगंज के जितेंद्र ने फिरौती के लिए अपहरण कर लिया। आरोपित को पुलिस ने आगरा से दबोचकर बच्चे को बरामद किया।

केस-2 :  क्वार्सी क्षेत्र में एफएम टॉवर के पास स्थित गुलिस्तानां कॉलोनी में एक्सरे टेक्नीशियन के घर में पड़ोस में रहने वाले बदमाशों ने दिनदहाड़े लाखों रुपये की लूट की वारदात को अंजाम दिया। 

सत्यापन जरूरी

मकान में रहने वाले किरायेदार का सत्यापन अनिवार्य है।  इसके लिए पुलिस थाने जाकर अथवा यूपी पुलिस की वेबसाइट पर  किरायेदार फॉर्म डाउनलोड करना होगा। फार्म में घर में रखे नौकर व किरायेदार का पासपोर्ट साइज फोटो, नाम-पते को सत्यापित करने वाली फोटो आइडी (आधार कार्ड, राशनकार्ड, ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस, पासपोर्ट, फोटो मतदाता पहचान-पत्र, बैंक पास बुक, मोबाइल नंबर) लगाकर भर सकते हैं।

जागरूकता का अभाव

पुलिस के एक अधिकारी बताते हैं कि लोग अभी इस दिशा में जागरूक नहीं हैं। तमाम अभियान व प्रचार प्रसार के बावजूद काफी कम लोग ही किरायेदार व घरेलू नौकर का पुलिस से सत्यापन कराते हैं। अनाधिकृत कॉलोनियों में तो स्थिति बहुत खराब है। लोगों को पता ही नहीं कि सत्यापन क्या बला है?  

यह कानून में प्रावधान

किरायेदार का सत्यापन न कराना सीआरपीसी की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध है। एक माह की सजा व 200 रुपये का जुर्माना हो सकता है। - मकान मालिक की  चूक से मानव जीवन के लिए खतरा उत्पन्न होता है तो छह महीने की सजा व 1000 रुपये का जुर्माना हो सकता है। 

सत्यापन की स्थिति वर्ष, किरायेदार, घरेलू नौकर, अपराधी   

2010, 2989,218,17 

2015,6498,412,31 

2020,10262,719,43

एसएसपी मुनिराज का कहना है कि किराएदारों व नौकरों का सत्यापन कराने को लेकर लोगों में भ्रांतियां हैं। उन्हें डर रहता है कि वांछित सूचनाएं देने से उन्हें इनकमटैक्स न अदा करना पड़े। पुलिस उनकी गोपनीय सूचनाओं को कभी किसी विभाग से शेयर नहीं करती है। किरायेदार व नौकर का सत्यापन जरूर कराएं, ताकि पछताना न पड़े।

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