अलीगढ़ में नौ लाख से अधिक लोगों के नहीं बने गोल्डन कार्ड Aligarh news

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराने के लिए सरकार गंभीर है मगर जनपद में करीब तीन साल बाद भी 70 फीसद से अधिक पात्र व्यक्तियों के गोल्डन कार्ड नहीं बन पाए हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sun, 15 Aug 2021 04:27 PM (IST) Updated:Sun, 15 Aug 2021 04:27 PM (IST)
अलीगढ़ में नौ लाख से अधिक लोगों के नहीं बने गोल्डन कार्ड Aligarh news
नौ लाख से अधिक लाभार्थी गोल्डन कार्ड से वंचित हैं।

अलीगढ़, जेएनएन।  आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराने के लिए सरकार गंभीर है, मगर जनपद में करीब तीन साल बाद भी 70 फीसद से अधिक पात्र व्यक्तियों के गोल्डन कार्ड नहीं बन पाए हैं। अभी तक करीब 12 लाख लाभार्थियों के सापेक्ष मात्र 2. 64 लाख के ही कार्ड बने हैं। इस तरह नौ लाख से अधिक लाभार्थी गोल्डन कार्ड से वंचित हैं। हालांकि, पिछले दिनों आयुष्मान पखवाड़ा में जनपद में 17 हजार 89 गोल्ड बनाकर जनपद में चौथा स्थान प्राप्त किया। बहरहाल, ऐसे परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाने पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें परिवार के किसी सदस्य का गोल्डन कार्ड नहीं बना है। इससे तमाम लाभार्थियों को मुफ्त इलाज की इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा।

ये है सूरतेहाल

25 सितंबर 2018 से शुरू हुई आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत गरीब परिवारों को साल में पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का प्राविधान है। इसमें आर्थिक व सामाजिक गणना -2011 की सूची में शामिल एक लाख 48 हजार 436 ग्रामीण व 84 हजार 77 शहरी लाभार्थियों को चयनित किया गया। आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 9818 गरीबों को चयनित किया गया। इस तरह जनपद में कल 2.42 परिवार चयनित हैं। एक परिवार में पांच सदस्यों का औसत है।

असफल रही कवायदें

स्वास्थ्य विभाग के पास शहर से लेकर गांव तक संपर्क का सबसे सशक्त माध्यम आशा कार्यकर्ता हैं। सभी को सेक सूची-2011 के सत्यापित लाभार्थियों की सूची उपलब्ध कराई जा चुुकी है। निजी संस्था का भी सहयोग लिया गया। ब्लाकवार भी अभियान चलाए गए, जनसेवा केंद्रों के माध्यम से भी गोल्डन कार्ड बनाए जा रहे हैं। मगर, गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया।

इलाज में समस्या

गोल्डन कार्ड न बनने के कारण लाभार्थियों को काफी परेशानी होती है। कई बार अस्पताल पहुंचने पर गोल्डन कार्ड के अभाव में समय से उचित उपचार शुरू नहीं हो पाता। कई बार हास्पिटल संचालक भी गोल्डन कार्ड बनाने के झंझट से बचने के लिए उसे भर्ती करने से इंकार कर देते हैं।

इनका कहना है

जिन लाभार्थियों ने अभी तक गोल्डन कार्ड नहीं बनवाया है, वह संबंधित अस्पतालों व कामन सर्विस सेटरों पर जाकर बनवा सकते हैं। इसके लिए उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

- डा. आनंद उपाध्याय, सीएमओ।

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