शहीद दिवस : औरंगजेब की दमनकारी नीतियों व जजिया कर के खिलाफ गोकुला ने किया था युद्ध

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। अलीगढ़ के इगलास के गांव तोछीगढ़ में परोपकार सामाजिक सेवा संस्था द्वारा आज क्रूर शासक ओरंगजेब के खिलाफ युद्ध लड़ने वाले महान योद्धा अमरवीर गोकुला के 352वें शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 01 Jan 2022 05:17 PM (IST) Updated:Sat, 01 Jan 2022 05:24 PM (IST)
शहीद दिवस : औरंगजेब की दमनकारी नीतियों व जजिया कर के खिलाफ गोकुला ने किया था युद्ध
इगलास में महान योद्धा अमरवीर गोकुला के 352वें शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  इगलास के गांव तोछीगढ़ में परोपकार सामाजिक सेवा संस्था द्वारा आज क्रूर शासक ओरंगजेब के खिलाफ युद्ध लड़ने वाले महान योद्धा अमरवीर गोकुला के 352वें शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

जजिया कर के विरोध में किया था औरंगजेब से युद्ध

श्रद्धांजलि सभा में सर्वप्रथम संस्था के प्रधान संरक्षक डॉ. नरेन्द्र सिंह आर्य ने दीप प्रज्वलित कर श्रद्धांजलि दी और संस्था के अन्य सदस्यों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर अमरवीर गोकुला के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। संस्था के अध्यक्ष जतन चौधरी ने अमरवीर गोकुला जाट की जीवनी सुनाते हुए कहा कि गोकुला जाट बल्देव के पास तिलपत की गढ़ी के रहने वाले सिनसिनवार किसान परिवार से थे। गोकुला ने साधारण किसान होते हुए भी औरंगजेब की दमनकारी नीतियों और जजिया कर के खिलाफ औरंगजेब से युद्ध किया थे। गोकुला जाट ने क्षेत्रीय किसानों को एकत्रित करके औरंगजेब की राजधानी आगरा के पास ही उसकी नाक के नीचे औरंगजेब के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजा दिया था।

अपनी हार सुनकर तिलमिला गया था औरंगजेब 

किसानों ने कई महीने तक औरंगजेब की विशाल सेना से न केवल युद्ध किया बल्कि पूरी सेना के दांत खट्टे कर दिये थे। बहादुर किसानों की वीरता और गोकुला जाट की बेहतरीन युद्ध नीति के सामने अपनी सेना की हार की खबर सुनकर औरंगजेब तिलमिला गया और उसने स्वयं अपनी पूरी सैन्य शक्ति के साथ सादाबाद में किसानों पर पुन: आक्रमण कर दिया और वीर गोकुला तथा इनके चाचा उदय सिंह को गिरफ्तार कर बंदी बना लिया। औरंगजेब ने गौकुला और उनके चाचा उदय सिंह को धर्म परिवर्तन कर किलेदार बनने आदि इसी तरह के तमाम प्रलोभन दिये लेकिन दोनों वीरों ने सभी प्रस्तावों को ठुकराते हुए अपने आत्मसम्मान की बलि दिये बगैर अपनी मौत कबूल कर ली थी।

आगरा की पुरानी कोतवाली के फव्‍वारा चौक पर दोनों वीरों का हुआ था कत्‍ल

1 जनवरी 1670 को आगरा की पुरानी कोतवाली के फव्वारा चौक पर दोनों वीरों का सरेआम कत्ल कर दिया गया था। हम सबको गोकुला के जीवन से प्रेरणा लेकर सदैव अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। राधा चौधरी व मनोज ठैनुआं ने भी गोकुला जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर काजल, वंदना, चंचल, तनु, मुस्कान, साधना, अमन पचैहरा, योगेश, सुशील कुमार, धर्मवीर सिंह, प्रशांत ठैनुआं, मनीष, रमेश ठैनुआं, अजय, रिंकू, सूरज, अनिल, अमित ठैनुआं, दीपू, विवेक चौधरी, गौरव चौधरी, डब्बू शर्मा, लोकेंद्र आदि मुख्यरूप से मौजूद रहे।

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