कांग्रेस के पूर्व सांसद बोले, मुठभेड़ सही तो सीबीआइ जांच से क्यों डर रही है पुलिस? करेंगे राहुल से मुलाकात

कांग्रेस के पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि नौशाद-मुस्तकीम मुठभेड़ के साक्ष्य सही हैं तो अफसर सीबीआइ जांच से क्यों डर रहे हैं।

By Edited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 08:00 AM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 09:10 AM (IST)
कांग्रेस के पूर्व सांसद बोले, मुठभेड़ सही तो सीबीआइ  जांच से क्यों डर रही है पुलिस? करेंगे राहुल से मुलाकात
कांग्रेस के पूर्व सांसद बोले, मुठभेड़ सही तो सीबीआइ जांच से क्यों डर रही है पुलिस? करेंगे राहुल से मुलाकात

अलीगढ़ (जेएनएन)। कांग्रेस के पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि नौशाद-मुस्तकीम मुठभेड़ के साक्ष्य सही हैं तो अफसर सीबीआइ जांच से क्यों डर रहे हैं। सिफारिश क्यों नहीं कर रहे। मुठभेड़ को लेकर मीडिया ने ही संदेह व्यक्त किया, तभी तो हम जनता के बीच गए। पुलिस अफसरों ने जिन साक्ष्यों को दर्शाया है, वे जांच की औपचारिकता वाले बिंदु हैं। अब कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राहुल गांधी से मिलने के बाद राज्यपाल से मुठभेड़ की सीबीआइ जांच की मांग करेगा।

राहुल गांधी को बताएंगे हकीकत
मीडिया से बातचीत बिजेंद्र ने कहा कि पुलिस के किसी भी अफसर से उनकी द्वेष नहीं है। मुठभेड़ से जुड़े साक्ष्य संदेह व्यक्त कर रहे हैं। मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों की उम्र 22 व 24 साल पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दर्शाई गई है। यह आयु ठीक है तो पुलिस की क्रिमिनल हिस्ट्री के अनुसार 2007 इन युवकों ने जरायम की दुनिया में एंट्री की। इस हिसाब से उन्होंने बाल अवस्था में ही अपराध शुरू कर दिए। यह सही भी है तो प्रशासन व पुलिस पाबंद क्यों नहीं कर सकी। अतरौली में सिलाई की दुकान पर रिश्तेदार के यहां शरण कैसे लेते रहे? इन सवालों के जवाब जनता चाहती है। इसके लिए सीबीआइ जांच जरूरी है।

एसएसपी को दी थी ये चेतावनी
पूर्व सांसद ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वे कई बार विधायक व सांसद भी चुने गए हैं। कभी जाति धर्म की राजनीति नहीं की। जब सफेदपुरा में साधु व उनके परिजनों की हत्या हुई थी, उसी दिन वह गमजदा परिजनों से मिले थे।

पुलिस से किए सवाल
पूर्व सांसद ने पुलिस अफसरों से सवाल के साथ दस्तावेज मांगे हैं, जिनमें पुलिस की गोली के शिकार हुए युवकों पर संगीन धाराओं में मुकदमों की साल का उल्लेख किया गया है। कहा, किस तारीख को वारदातों को अंजाम दिया गया, मुकदमा किस तारीख को लिखा गया। एक साल में ये बदमाश कुख्यात थे, तब कपड़े की दुकान पर काम के दौरान पुलिस ने क्यों गिरफ्तार नहीं किया? एटा के मुफ्ती हत्याकांड के पैरोकारों के बयानों पर भी पूर्व सांसद ने आपत्ति दर्ज की।

chat bot
आपका साथी