जिस दिन 100 गद्दार वतन के सूली पर टंग जाएंगे... Hathras News

दैनिक जागरण के संयोजन में शनिवार रात हास्य की बौछार हुई गीतों की फुहार चली और ओज की हुंकार भरी गई। देश भर से आए नामचीन कवियों ने काव्य पाठ किया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Sun, 22 Sep 2019 12:58 PM (IST) Updated:Sun, 22 Sep 2019 12:58 PM (IST)
जिस दिन 100 गद्दार वतन के सूली पर टंग जाएंगे... Hathras News
जिस दिन 100 गद्दार वतन के सूली पर टंग जाएंगे... Hathras News

हाथरस (जेएनएन)। मेला दाऊजी महाराज में दैनिक जागरण के संयोजन में शनिवार रात हास्य की बौछार हुई, गीतों की फुहार चली और ओज की हुंकार भरी गई। देश भर से आए नामचीन कवियों ने काव्य पाठ किया। श्रोता दिल थामे बैठे रहे और तालियों से उत्साह वर्धन करते रहे।

सरस्वती वंदना से हुई शुरूआत

अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि आगरा उत्तर से विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल,  सिकंदराराऊ विधायक वीरेंद्र सिंह राणा, भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव आर्य, डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार, दैनिक जागरण अलीगढ़ के यूनिट हेड नीतेश कुमार झा, संपादकीय प्रभारी अवधेश माहेश्वरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर व मां सरस्वती के छवि चित्र पर माल्यार्पण कर किया।

माना जरूरी है जिंदगी में हंसाना...

दिल्ली से आईं शायरा मुमताज नसीम ने सरस्वती वंदना के साथ सम्मेलन की शुरुआत की। कोटा से आए हास्य कवि अर्जुन अल्हड़ ने चुटकुले व हास्य व्यंग से लोगों को गुदगुदाया...

माना जरूरी है जदगी में हंसना और हंसाना,

माना जरूरी है इंसान को गमों में मुस्कराना।

हमारे खून के कतरों में हिंदुस्तान बोलेगा

इटावा से आए वीर रस कवि गौरव चौहान ने कवि सम्मेलन में जोश भरने का काम किया-

भारतवंशी हृदय में शेर सा अभिमान बोलेगा,

जवानी की जुबानी पर वही अक्षगान बोलेगा।

फना हो जाएंगे लेकिन कभी खामोश नहीं,

हमारे खून के कतरों में हिंदुस्तान बोलेगा।

जिनके कारण मां की बिंदी...

हरिओम पंवार ने सुनाया...

जिनके कारण पूरी घाटी जली दुल्हन सी लगती थी,

पूनम वाली रात चांदनी चंद्रग्रहण सी लगती थी।

जिनके कारण मां की बिंदी दाग दिखाई देती थी,

वैष्णो देवी मां के घर में आग दिखाई देती थी।

उनके पैरों बेड़ी जकड़ी गई बधाई देता हूं,

उनके फन पर एड़ी रगड़ी गई बधाई देता हूं।

शेष उसी दिन सभी तिरंगे के रंग में रंग जाएंगे,

जिस दिन 100 गद्दार वतन के सूली पर टंग जाएंगे।

इक प्यार का नगमा है

फिल्मफेयर पुरस्कार प्राप्त संतोषानंद ने गीत सुनाए:

इक प्यार का नगमा है, मौजों की रवानी है,

जिंदगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी है...

नितिन मिश्रा, शिवांगी सिंह सिकरवार, गजेंद्र प्रियांशु, मुमताज नसीम, अशोक सुंदरानी ने भी अपनी रचनाओं पर तालियां बटोरीं।

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