कोरोना ने बेरंग बना दी कुलियों की जिदगी

जासं अलीगढ़ लाल शर्ट और बाजू पर तांबे के बैंड के साथ भीड़भाड़ वाले रेलवे स्टेशन पर ट्र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Oct 2020 02:30 AM (IST) Updated:Tue, 13 Oct 2020 05:07 AM (IST)
कोरोना ने बेरंग बना दी कुलियों की जिदगी
कोरोना ने बेरंग बना दी कुलियों की जिदगी

जासं, अलीगढ़ : लाल शर्ट और बाजू पर तांबे के बैंड के साथ भीड़भाड़ वाले रेलवे स्टेशन पर ट्रेन आते ही सीढि़यों पर कुली-कुली की आवाज और फिर सवारियों के बैग, ब्रीफकेस को कंधे पर रखकर दौड़ते देखे जाने वाले कुली आज गरीबी व भुखमरी की कगार पर हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पहले लॉकडाउन फिर अनलॉक में रेलवे के थमे पहियों के चल पड़ने के बावजूद कुलियों के जीवन की ट्रेन अब भी बेटपरी हैं। काम न मिलने से जिदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगा है। स्टेशन पर काम करने वाले करीब 25 कुली हैं। भले ही कोरोना का संक्रमण उनके रोजगार को लील चुका है, फिर भी उन्हें भविष्य से उम्मीद हैं कि जल्द ही सब कुछ ठीक होगा।

याद आती है 'कुली' फिल्म

'सारी दुनिया का बोझ हम उठाते हैं, लोग आते हैं, लोग जाते हैं, हम यहीं पे खड़े रह जाते हैं ' कुलियों का जिक्र होते ही 1983 में बनीं अमिताभ बच्चन की फिल्म 'कुली' का यह गाना याद आ जाता है। इस फिल्म ने पहली बार यात्रियों का बोझ उठाने वाले इस तबके के संघर्ष को सबके सामने रखा, लेकिन इतने साल बाद भी कुलियों की जिदगी नहीं बदल सकी।

नहीं मिल रहा काम : कुलियों ने अपने पैसे से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, सैनिटाइजर व दस्ताने खरीदे हैं, लेकिन यात्रियों ने दूरी बनानी शुरू कर दी है। तमाम यात्री अपने सामान को खुद ही उठा लेते हैं, जिससे कुलियों को काम नहीं मिल रहा है।

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कुलियों की पीड़ा

पांच लोगों के परिवार के साथ किराये के कमरे में रहकर किसी तरह गुजर-बसर कर पा रहा हूं। ऐसा बुरा समय पूरी जिदगी में कभी नहीं देखा।

हैदर अली

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हम रोज मेहनत करते हैं, लेकिन सड़कों पर भीख नहीं मांग सकते। हम काम और सरकार से अन्य वर्गो की तरह आर्थिक मदद चाहते हैं।

महेश कुमार

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दो माह से मकान का किराया तक नहीं दे पाए हैं। जब पैसे ही नहीं हैं तो भला वह मकान का किराया कहां से चुका पाएंगे।

राजकुमार

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पहले कमाई से खर्च निकालकर जो बचता था, उसे घर भेज देते थे। उसी से परिवार का भरण-पोषण होता था। अब अपने पेट के ही लाले पड़े हैं।

देव कुमार

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लॉकडाउन घोषित होने पर ट्रेनों का परिचालन ठप होने के बाद कुलियों को खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराई गई है।

केशव त्रिपाठी, पीआरओ, उत्तर-मध्य रेलवे

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