शतरंज से प्लानिंग, विश्वास और अनुशासन की मिलती है सीख : प्रो. केवीएसएम कृष्णा Aligarh news

मंगलायतन विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा तीन दिवसीय अंतर विभागीय शतरंज और टेबल टेनिस टूर्नामेंट का आयोजन कराया जा रहा है। बुधवार को इसकी शुरूआत हुई। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने कहा कि शतरंज खेलने से एकाग्रता बढ़ती है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Thu, 30 Sep 2021 10:04 AM (IST) Updated:Thu, 30 Sep 2021 10:04 AM (IST)
शतरंज से प्लानिंग, विश्वास और अनुशासन की मिलती है सीख : प्रो. केवीएसएम कृष्णा  Aligarh news
मंगलायतन विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतर विभागीय शतरंज और टेबल टेनिस टूर्नामेंट का आयोजन कराया जा रहा है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  बुधवार को इसकी शुरूआत हुई। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. केवीएसएम कृष्णा ने कहा कि शतरंज खेलने से एकाग्रता बढ़ती है। शतरंज से प्लानिंग, विश्वास और अनुशासन भी सीखने को मिलता है।

हमें जोश में होश नहीं खोना चाहिए

विशिष्ट अतिथि कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने कहा कि व्यक्तित्व विकास में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन हमें जोश में होश नहीं खोना चाहिए। तीन दिवसीय टूर्नामेंट में विवि के आठ विभागों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया है। शिक्षकों को भी इसमें खेलने का अवसर मिलेगा। संयोजक डा. शिवकुमार ने बताया कि इंडोर गेम सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। खेल हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। यह न केवल मनोरंजन के लिए बल्कि हमारे मानसिक और शारीरिक विकास के लिए भी बहुत जरूरी है। आभार व्यक्त सह-संयोजक पूनम गुप्ता ने किया। संचालन कुंदन शर्मा ने किया। निर्णायक मंडल में डा. देवेंद्र कुमार और रामगोपाल रहे। कुणाल, रण बहादुर, विभव गोयल, शिखा जैन, श्वेता का सहयोग रहा। कार्यक्रम में प्रो. उल्लास गुरुदास, प्रो. आरके शर्मा, डा. सिद्धार्थ जैन, डा. हैदर अली, डा. संतोष गौतम, डा. सुकृत श्रीवास्तव, मयंक जैन आदि थे। 

दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ समापन

मंगलायतन विश्वविद्यालय में "पर्यावरण विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रबंध" विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन हुआ। द्वितीय दिवस पर असिस्टेंट डायरेक्टर एसआईएडी केरला डा. एस नन्द कुमार ने भोजन और पर्यावरण के संबंध में बताया। उन्होंने कहा कि समुद्र का लेवल अगर बढ़ता जाएगा तो 2050 तक 40 मिलियन लोग़ रिस्क पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि तापमान के बढ़ने से भारत की कृषि उत्पादकता 2080 तक 30 से 40 परसेंट गिर जाएगी। दुनिया को एक अधिक टिकाऊ खाद्य प्रणाली की आवश्यकता है। जो वनों की कटाई और आवास के बिना कृषि वस्तुओं को खेत से प्लेट तक स्थिरता प्रदान करे। वीआईटी भोपाल विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग स्कूल से डॉ. अपर्णा त्रिपाठी ने डेटा पर मशीनी भाषा के फ्रेम वर्क को परिभाषित किया।

एंटीनाओं पर अनुसंधान के बारे में बताया गया

नेटफ्लिक्स का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक ऑनलाइन वेब आधारित टीवी और मूवी प्लेटफार्म है। यह उपयोगकर्ताओं की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करता है कि कोई क्या देखना चाहता है। वरिष्ठ संयुक्त निदेशक, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी स्कूल जयपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय जयपुर प्रो. सुधीर शर्मा ने विभिन्न प्रकार के एंटीनाओं पर किए गए अनुसन्धान के बारे में बताया। वही नयन जैन, डॉ विश्वजीत, डॉ,शमीम आजाज, डॉ राजहंस वर्मा, पंकज माहौर, रंभा कुमारी,डॉ मोनिका सिंह,आशा डागर, निदा रहमान ने प्रस्तुति दी। मौखिक व पोस्टर प्रस्तुतीकरण प्रतियोगिता में विजयी छात्रों को प्रशस्ति पत्र दिया गया।

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