Aligarh नुमाइश पर भी सीएए का असर, फीकी पड़ रही रौनक Aligarh news
देशभर में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल अलीगढ़ की नुमाइश इन दिनों सीएए विरोधी हवा में फीकी पड़ गई है। यहां रौनक गायब है। खानपान की दुकानें ग्राहकों की राह तक रही हैं।
अलीगढ़ [ जेएनएन ] : देशभर में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल अलीगढ़ की नुमाइश इन दिनों सीएए विरोधी हवा में फीकी पड़ गई है। यहां रौनक गायब है। खानपान की दुकानें ग्राहकों की राह तक रही हैं। खिलौने बच्चों का इंतजार कर रहे हैं। सर्कस का पंडाल सूना है। झूले व डांस पार्टियों की धमक सुनाई नहीं दे रही। दुकानदार व लोगों की जुबां पर सीएए के विरोध की चर्चाएं हैं।
सीएए के विरोध में इसकी रफ्तार थम सी गई है
अलीगढ़ की नुमाइश का इतिहास स्वर्णिम है। यहां के दरबार हॉल में 1880 में नुमाइश अलीगढ़ डिस्ट्रिक्ट फेयर के नाम से शुरू हुई थी। शुरुआत में सिर्फ घोड़ों की प्रदर्शनी लगती थी। आजादी के बाद नुमाइश का रूप भव्य होता गया। तमाम नए अध्याय जुड़ते गए। हर साल नए अंदाज के साथ नुमाइश लोगों को आनंदित करती रही, लेकिन इस बार सीएए के विरोध में इसकी रफ्तार थम सी गई है। नुमाइश शुरू हुए छह दिन हो गए।
नआरसी के चलते नुमाइश में इस बार रौनक नहीं है
32 साल से पान की दुकान चलाने वाले राहत कहते हैं कि इस बार रौनक नहीं है। प्रशासन भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। सॉफ्टी की दुकान चलाने वाले शाहिद कहते हैं कि इस बार पैसा ही निकल आए बहुत बड़ी बात है। नुमाइश में सर्कस, मौत का कुआं, झूले, डांस पार्टियों के पंडाल सूने हैं। खजला, आइसक्रीम, नान खटाई, पॉप कॉर्न, जो लोगों को खूब भाते हैं, लेकिन यहां भी इक्का दुक्का आदमी नजर आता है। दोपहर में नुमाइश देखने आए बंटी ने बताया कि नुमाइश का सालभर इंतजार रहता है। लेकिन इस बार भीड़ नहीं है। सोचा था आज रविवार है, रौनक होगी, लेकिन यहां तो सन्नाटा है। बच्चे कम आ रहे हैं। सब सीएए, एनआरसी के चलते हो रहा है।
बड़े कलाकार भी नहीं जुटा पा रहे भीड़
कृष्णांजलि और कोहिनूर मंच पर बड़े कलाकार भी भीड़ नहीं जुटा पा रहे हैं। अब तक हरियाणवी गायक राजू पंजाबी, मासूम शर्मा, बॉलीवुड सिंगर रिचा शर्मा, कॉमेडियन वीआइपी, ख्याली, अरशद खान, अनिल रैंचो आ चुके हैं, लेकिन हर कार्यक्रम में कुर्सियां खाली ही नजर आईं।
सुरक्षा इंतजाम ढीले : नुमाइश में इस बार सुरक्षा में भी ढील है। तमाम थाने तो बना दिए, लेकिन यहां बैठने वाला कोई नहीं है। बीते दिनों नुमाइश में सीएए के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश भी की गई थी। ऐसे में पुलिस को सतर्क रहना पड़ेगा।