देश के किसी भी कोने से खरीदें वाहन, टैक्‍स अपने प्रदेश के हिसाब से ही देना होगा

कहीं से भी खरीदें वाहन आपको पंजीयन नंबर अपने जिले का ही मिलेगा। यह व्यवस्था केवल प्रदेश के अंदर ही रहेगी। अन्य प्रदेशों से वाहन खरीदने पर वाहन स्वामी को अपने प्रदेश का अलग से टैक्स देना होगा।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sun, 12 Dec 2021 03:13 PM (IST) Updated:Sun, 12 Dec 2021 03:37 PM (IST)
देश के किसी भी कोने से खरीदें वाहन, टैक्‍स अपने प्रदेश के हिसाब से ही देना होगा
अन्य प्रदेशों से वाहन खरीदने पर वाहन स्वामी को अपने प्रदेश का अलग से टैक्स देना होगा।

हाथरस, जागरण संवाददाता। कहीं से भी खरीदें वाहन, आपको पंजीयन नंबर अपने जिले का ही मिलेगा। यह व्यवस्था केवल प्रदेश के अंदर ही रहेगी। अन्य प्रदेशों से वाहन खरीदने पर वाहन स्वामी को अपने प्रदेश का अलग से टैक्स देना होगा। जानकारी करने के बाद ही वाहन खरीदना ही लोगों के लिए उचित रहेगा।

आनलाइन व्‍यवस्‍था में मिल रही सुविधाएं

वाहन स्वामियों को सुविधाएं देने का सिलसिला परिवहन विभाग में अभी बना हुआ है। अब आनलाइन व्यवस्था होने से ही यह सुविधाएं मिलना शुरू हुई हैं। वाहन खरीदनें के बाद वाहन स्वामी को उसके पंजीकरण के लिए परिवहन विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे। अब वाहन खरीदने की सभी औपचारिकताएं डीलर तक ही सिमट कर रह गईं। वाहन स्वामी को वाहन का पंजीयन प्रमाण पत्र जहां से वाहन खरीदा है, वहीं से मिल जाता है। उसे दर-दर नहीं भटकने से मुक्ति मिल गई। अब कहीं से भी वाहन खरीदने की सुविधा भी दी गई है। एआरटीओ प्रशासन नीतू सिंह ने बताया कि कहीं से भी वाहन खरीदने की सुविधा प्रदेश स्तर पर लागू हुई है। अन्य प्रदेश से वाहन खरीदने पर नियमों का पालन करना होगा।

अन्य प्रदेशों से नहीं खरीद सकेंगे वाहन

देश में कहीं से भी वाहन खरीदने की सुविधा वाहन स्वामियों को दी गई है। इसमें पंजीयन नंबर आधार कार्ड में दिए गए जिले का ही मिलेगा। यह व्यवस्था अपने प्रदेश के जिलों में ही लागू होगी। अन्य प्रदेश से वाहन खरीदने पर वाहन स्वामी को अपने प्रदेश का टैक्स जमा करना होगा।

अब पंजीयन नंबर में नहीं चलेगी मनमानी

अब तक डीलर के यहां पर ही टैक्स व प्रपत्र वाहन खरीदते समय जमा कराए जाते थे। वहां से बनी फाइलों को सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय भेजा जाता है। वहां पर लोग डीलर के माध्यम से जुगाड़कर मनपसंद नंबर पाने वालों पर भी प्रतिबंध लगेगा। वाहन खरीदने के बाद ही वाहन स्वामी को पंजीयन नंबर जारी हो जाएगा।

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