अलीगढ़ में सचेत रहें, कहीं स्वाइन फ्लू के शिकार न हो जाएं आप aligarh news
अलीगढ़ में सचेत रहने की जरूरत है। स्वाइ फ्लू के चार रोगी मिल चुके हैं। इस रोग के आप शिकार न हो जाएं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। अलीगढ़ में सचेत रहने की जरूरत है। स्वाइ फ्लू के चार रोगी मिल चुके हैं। इस रोग के आप शिकार न हो जाएं। अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती उद्योगपति रमेश चंद्र सिंघल के बाद अब उनके मैनेजर व उनकी पत्नी, सहायक व गार्ड भी स्वाइन फ्लू को चपेट में आ गए हैं। चिंता की बात ये है कि स्वास्थ्य विभाग ने चार दिन बाद सुध ली। रविवार को सीएमओ के नेतृत्व में टीम उद्योगपति के घर पहुंची। गार्ड को जिला अस्पताल में भर्ती कर टेमीफ्लू दवा खिलाई गई।
विभाग ने बरती लापरवाही
स्वाइन फ्लू की पुष्टि के बाद रमेश चंद्र सिंघल का बुधवार से ही अपोलो हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को उनके संपर्क में रहने वाले सभी लोगों की जांच करनी चाहिए थी, ताकि वायरस को बढऩे से रोका जा सके। विभाग ने लापरवाही बरती। शनिवार को उद्योगपति के सहायक वीरेंद्र सिंह, मैनेजर प्रदीप कुमार शर्मा व उनकी पत्नी को भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। वीरेंद्र सिंह को मेडिकल कॉलेज, प्रदीप कुमार शर्मा व उनकी पत्नी को अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराने की सूचना मिली तो विभाग की नींद टूटी। एसीएमओ डॉ. पीके शर्मा के नेतृत्व में टीम उद्योगपति के घर पहुंची। रविवार को गार्ड सुधीर को भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो गई।
दौड़े अफसर
गार्ड की सूचना मिलते ही सीएमओ डॉ. एमएल अग्र्रवाल अपने साथ एसीएमओ डॉ. एसपी सिंह व एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. शुएब अंसारी को लेकर उद्योगपति के घर पहुंचे, मगर गार्ड वहां से जिला अस्पताल पहुंच गया। टीम जिला अस्पताल में पहुंची और गार्ड को टेमीफ्लू दवा दी व अन्य उपचार दिया।
भरतपुर से वायरस आने की आशंका
विभागीय अफसरों के अनुसार 14 अगस्त को उद्योगपति भरतपुर में अपनी बेटी के यहां किसी कार्यक्रम में गए थे। वहां पर भीड़भाड़ थी। 16 व 17 अगस्त से उन्हें स्वाइन फ्लू के लक्षण शुरू हो गए। 20 अगस्त को तबीयत बिगडऩे लगी। उनके बाद ही वायरस ने चार लोगों को चपेट में ले लिया। सीएमओ डॉ. एमएल अग्रवाल ने बताया कि गार्ड को बुखार व अन्य लक्षण के आधार पर टेमीफ्लू दवा दी है। सभी मरीज की तबीयत में सुधार है। वातावरण में नमी से स्वाइन फ्लू को खतरा बढ़ जाता है, मगर घबराने की बात नहीं है। सरकारी अस्पतालों में समुचित दवाएं उपलब्ध हैं।
बचाव के उपाय
- भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। मरीज कार्यालय व स्कूल न जाएं।
- खांसते व छींकते समय मुंह ढककर रखें। पीडि़त के संपर्क में आने से बचें।
- साबुन से हाथों को बार-बार धोएं, हाथ मिलाने से बचें। पीडि़त का रूमाल व तौलिया इस्तेमाल न करें।
ये है उपचार
- ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ (दूध, पानी, सूप आदि) का सेवन करें।
- मरीज घर पर आराम करें, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
- चिकित्सक की सलाह पर जिला अस्पताल से मुफ्त टेमीफ्लू दवा के साथ एंटी वायरल दवाएं लें।
लार्वा मिलने पर नगर निगम के दो चालकों को नोटिस
संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत 'हर रविवार म'छर पर वारÓ रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया गया। रैली वार्ड 10 के पार्षद भूदेव सिंह के नेतृत्व में सराय दीनदयाल कोयले वाली गली दुबे का पड़ाव होते हुए शीशियापाड़ा पर समाप्त हुई। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राहुल ने बताया कि घर-घर लार्वारोधी कार्रवाई की गई। नगर निगम के चालक मनोज व राम सहाय को कूलर में लार्वा मिलने पर नोटिस दिया गया। लोगों से कूलर का पानी तीन दिन में बदलने, पूरी बाजू के कपड़े पहनने, म'छरदानी में सोने, घर में कबाड़ नहीं रखने की अपील की गई। मलेरिया निरीक्षक मोनू और उनकी टीम ने 'क्या करें क्या ना करेंÓ के पैैंफ्लेट्स बांटे।