Fake Anamika Shukla case : बबली यादव का 12 घंटे का रिमांड मंजूर, आज पूछताछ करेगी पुलिस

कानपुर की बबली यादव फर्जी दस्तावेजों पर बिजौली में अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी कर रही थी। पुलिस ने बबली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

By Parul RawatEdited By: Publish:Fri, 26 Jun 2020 05:52 PM (IST) Updated:Fri, 26 Jun 2020 05:52 PM (IST)
Fake Anamika Shukla case : बबली यादव का 12 घंटे का रिमांड मंजूर, आज पूछताछ करेगी पुलिस
Fake Anamika Shukla case : बबली यादव का 12 घंटे का रिमांड मंजूर, आज पूछताछ करेगी पुलिस

अलीगढ़, [जेएनएन]। बिजौली के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में फर्जीवाड़े से नौकरी पाने वाली कानपुर की बबली यादव का पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर हो गया। पुलिस शुक्रवार को 12 घंटे के लिए बबली को रिमांड पर लेगी। पूछताछ होगी कि बबली ने कहां से और कैसे फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए थे? काउंसि‍लि‍ंग कैसे हुई? सरगना पुष्पेंद्र की महिला मित्र राजबेटी को लेकर भी पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। 

कानपुर की बबली यादव फर्जी दस्तावेजों पर बिजौली में अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी कर रही थी। पुलिस ने बबली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसने बताया था कि बहनोई बल्लू ने उसे सरगना पुष्पेंद्र से मिलाया था। पुलिस ने बल्लू को भी गिरफ्तार कर लिया है। बल्लू ने बताया था कि उसने सिर्फ बबली को पुष्पेंद्र से मिलवाया था, फर्जी दस्तावेज बनवाने व काउंसि‍लि‍ंग में वो शामिल नहीं रहा। इसकी सच्चाई जानने के लिए पुलिस  बबली से पूछताछ करेगी। सीओ अतरौली प्रशांत सिं‍ह ने बताया कि बबली का शुक्रवार को सुबह आठ से रात आठ बजे तक रिमांड मिला है। बल्लू से मिले तथ्यों के आधार पर बबली से पूछताछ होगी।

महाविद्यालय को मान्यता से एक साल पहले ही कर लिया बीएड

कासगंज में जांच के दौरान पता चला है कि जिस महाविद्यालय को  2006 में बीएड की मान्यता मिली, उससे चार लोगों ने 2005 में ही डिग्री हासिल कर ली। वे फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक भी बन गए। बीएसए ने चारों को नोटिस जारी किया है। कासगंज के अमांपुर के प्राथमिक विद्यालय तैयबपुर में देवकी रानी, शेरपुर मेें राजेश कुमारी, सोरों ब्लॉक के पहाड़पुर स्कूल में देवेंद्र कुमार 2014 से नौकरी कर रहे हैं। 2018 से फरौली कस्तूरबा गांधी स्कूल में शिक्षिका रजनी तैनात हैैं। ये सभी 2004-05 के बीएड डिग्री धारक हैं। सभी ने एटा के उम्मेदपुर महाविद्यालय से बीएड उत्तीर्ण होने की डिग्री लगाई है। खास बात यह है कि 2005 को जिस उम्मेदपुर महाविद्यालय से डिग्री लेना दिखाया गया है, उस महाविद्यालय को 2006 में बीएड की मान्यता मिली है।

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