Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि पर शिवभक्तों के अलावा आपको भी होता है लाभ, देखिए

भारत की अर्थव्यवस्था में त्योहारों की अहम भूमिका रहती है। अगर बात महाशिवरात्रि की जाये तो शिवभक्त सड़कों पर कांवर लेकर निकलते है। यातायात के साधनों का प्रयोग करते हैं वहीं कांवड़ को सजाने के लिए कई वस्तुओं को भी खरीदते है। इससे लोगों को धनोपार्जन होता है।

By Aqib KhanEdited By: Publish:Tue, 01 Mar 2022 08:18 PM (IST) Updated:Tue, 01 Mar 2022 08:18 PM (IST)
Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि पर शिवभक्तों के अलावा आपको भी होता है लाभ, देखिए
महाशिवरात्रि पर्व पर भव्य कांवर के साथ शिवभक्त

अलीगढ़ : आस्था के साथ ही हमारे तीज-त्योहार अर्थव्यवस्था के भी बहुत बड़े मूल आधार हैं। भारत त्योहारों का देश है यहां पूरे वर्ष उत्सव का माहौल रहता है प्रत्येक महीने कोई न कोई त्यौहार पड़ता रहता है। इससे देश की अर्थव्यवस्था भी आगे बढ़ती रहती है।

महाशिवरात्रि का पर्व भी उन्हीं में से एक है। इस पर्व को आस्था से जोड़ा जाए तो देखने में आता है कि भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हजारों नहीं बल्कि लाखों शिवभक्त सड़कों पर उतर जाते हैं। कावड़ लेकर शिव धाम की ओर जाते हैं वहीं यदि आर्थिक रूप देखा जाए तो यह त्यौहार अर्थव्यवस्था को भी बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ाने का काम करते हैं।

महाशिवरात्रि पर्व पर कांवड़ लेकर जब शिव भक्त गंगा की ओर बढ़ते हैं तब वह यातायात के साधनों से गंगा तक तक पहुंचते हैं। वहां गंगा जी में स्नान करते हैं, जल भरते हैं और उसके बाद का कांवड़ को सजाने के लिए या सिंगार करने के लिए तमाम सामान लेते हैं। उन सामानों में रुमाल, गुब्बारे, त्रिशूल, शीशे, कंघा आदि चीजें होती हैं और यह चीजें सिर्फ एक दो कांवड़िया नहीं लेते बल्कि हर शिव भक्तों को यह लेना होता है।

लाखों की संख्या में शिव भक्त इन सामानों को खरीदते हैं। इससे छोटे, छोटे दुकानदारों की भी बिक्री होती है। यह बहुत बड़ा बाजार है जो महाशिवरात्रि का इंतजार करता है और इस तरह की चीजें बेचने के लिए वह पूरे साल भर तैयारी करता है। तमाम ऐसे दुकानदार हैं जो महाशिवरात्रि पर्व पर पूरे साल भर का खर्च निकालते हैं। गंगा तटों पर छोटे-मोटे दुकानदार हैं उनकी दुकानदारी भी इसी से चलती है। इसी प्रकार से अन्य त्यौहार भी हैं जो भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने का काम करते हैं।

होली में जहां रंगों का कारोबार होता है, वहीं पर पकवान के साथ तमाम और चीजें होती हैं, इनकी बिक्री खूब होती है रिश्तो की प्रगाढ़ता को देखते हुए आने जाने का भी क्रम खूब बना रहता है। इसीलिए यातायात से संबंधित तमाम वर्गों को इसका लाभ मिलता है, इसी प्रकार से दीपावली में भी बड़े पैमाने पर खरीदारी होती है। इसका लाभ दुकानदारों को मिलता है। साथ ही अर्थव्यवस्था को बहुत बड़े पैमाने पर लाभ मिलता है।

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