पहले ही पायदान पर हार गए भावी डाक्टर, जानिए क्या है मामला Aligarh News

कोरोना संका्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों व अन्य स्टाफ का संकट गहरा गया है। लंबे समय से कोविड व अन्य अस्पतालों में ड्यूटी कर रहे डाक्टर व कर्मचारी खुद संक्रमित होते जा रहे हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 05:48 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 05:48 PM (IST)
पहले ही पायदान पर हार गए भावी डाक्टर, जानिए क्या है मामला Aligarh News
सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों व अन्य स्टाफ का संकट गहरा गया है।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संका्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों व अन्य स्टाफ का संकट गहरा गया है। लंबे समय से कोविड व अन्य अस्पतालों में ड्यूटी कर रहे डाक्टर व कर्मचारी खुद संक्रमित होते जा रहे हैं। ऐसे में मरीजों की जांच व इलाज करना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। शासन के आदेश पर थर्ड ईयर अथवा इंटर्न करने वाले डाक्टर व स्टाफ को कोविड व अन्य ड्यूटी में लगाने के निर्देश दिए गए हैं। हैरानी की बात ये है कि मरीजों की सेवा का संकल्प लेकर इस पेशे को चुनने वाले डाक्टर पहले ही पायदान पर पस्त हो गए हैं। उनके काम से कोई अधिकारी संस्तुष्ट नहीं। ऐसे में जिन कालेजों से ये छात्र हैं, उन्हें पुन: पत्र लिखकर चेतावनी जारी की गई है।   

ये है मामला

शासन की व्यवस्था के तहत जिला अस्पताल के सीएमएस डा. रामकिशन ने 27 अप्रैल को श्री साईं इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग कालेज, माहेश्वरी नर्सिंग कालेज व अन्य कालेजों के प्रबंधन को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि कालेजों में एएनएम, जीएनएम व बीएससी नर्सिंग की  शिक्षा प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु अस्पताल में प्रशिक्षण के लिए भेजे जा रहे थे। कोविड-19 महामारी के समय भारत सरकार और राजकीय शासन अधिनियम के तहत सभी को प्रशिक्षण अथवा कार्य के लिए जनहित में भिजवाना सुनिश्चित करें। लेकिन, ज्यादातर प्रशिक्षु ड्यूटी करने नहीं पहुंचे, जो पहुंचे उनका भी कार्य संतोषजनक नहीं रहा। 

 नहीं मिलेगा इंटर्न सर्टिफिकेट 

सीएमएस डा. रामकिशन ने स्री साईं इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग कालेज के प्रधानाचार्य को लिखे पत्र में कहा कि अस्पताल में इंटर्न कर रहे विद्यार्थियों के द्वारा आवंटित ड्यूटी के अनुरूप कार्य नहीं किया जा रहा है। कोरोना महामारी के समय आपके संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा ड्यूटी नहीं किया जाना घोर लापरवाही का प्रतीक है। अत: आपको सूचित किया जाता है कि यदि आपके प्रशिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों ने कोविड महामारी के समय में रोगियों के लिए अस्पताल में सहानुभूति पूर्वक अपनी सेवाएं प्रदान नहीं की तो सभी को इंटर्नशिप प्रमाण-पत्र न तो अभी और न भविष्य में कभी प्रदान किया जाना संभव होगा। महामारी के समय यह सामाजिक, नैतिक व पद के अनुरूप कर्त्तव्यों एवं दायित्वों को निभाना प्रशिक्षण की आवश्यक सेवा एवं प्रशिक्षण नियमानुवली में सम्मिलित व निहित है। अन्यथा की स्थिति में जो भी अनुशासनात्मक या दंडात्मक कार्यवाही होगी, इसके लिए आप और आपके प्रशिक्षु ही जिम्मेदार होंगे। 

सरकार ने फाइनल ईयर मेडिकल व नर्सिंग विद्यार्थियों की सेवाएं लेने के निर्देश दिए हैं। यह विद्यार्थियों की असली परीक्षा है। इस पेशे का उद्देश्य सेवाभाव ही होना चाहिए। प्रशिक्षु आपदा के समय सहयोग करें। 

- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ 

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