Positive India: सेवा का सूरज मिटा रहा भूख का अंधेरा Aligarh News

कोरोना से छाये अंधेरे में यह एक सूरज हर रोज अंधेरा मिटाता है। हरदुआगंज स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास में 25 हजार भोजन के पैकेट हर रोज बनाता हैै। इन्हें प्रशासन हर भूखे पेट तक पहुं

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Sat, 04 Apr 2020 03:32 PM (IST) Updated:Sat, 04 Apr 2020 03:32 PM (IST)
Positive India: सेवा का सूरज मिटा रहा भूख का अंधेरा Aligarh News
Positive India: सेवा का सूरज मिटा रहा भूख का अंधेरा Aligarh News

राज नारायण सिंह, अलीगढ़: कोरोना से छाये अंधेरे में यह एक सूरज हर रोज अंधेरा मिटाता है। हरदुआगंज स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास में 25 हजार भोजन के पैकेट हर रोज बनाता हैै। इन्हें प्रशासन हर भूखे पेट तक पहुंचाता है।

गर्म भोजन पहुंचाने की रहती है चिंता

पंजाब के अमृतसर जिले के राधा स्वामी सत्संग ब्यास की यहां शाखा है। संस्था के प्रमुख गुरु गुङ्क्षरदर सिंह हैं। उनकी अनुमति से हरदुआगंज स्थित आश्रम में 29 मार्च से भोजन की यह सेवा शुरू हुई। इसमें लगे 300 सेवादारों में हर कोई कार्य के लिए तत्पर रहता है। तड़के तीन बजे सीटी बजती है और कुछ ही देर में 80 लोग रसोई में अपनी-अपनी जिम्मेदारी संभालने पहुंच जाते हैैं। हर किसी के ध्यान में रहता है कि उन्हें 25 हजार पैकेट बनाकर शाम तक देने हैं, इसलिए तीन-तीन घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी लगाई जाती है। दिन में कुल करीब 300 सेवादार रसोई में काम करते हैं। यहां आधा दर्जन बड़े तवे हैं, जिन पर एक साथ सैकड़ों रोटियां बनती हैं। बड़े-बड़े कड़ाहों में सब्जी बनती है। कोशिश होती है कि गर्म भोजन लोगों तक पहुंच जाए। इस सेवा के लिए तड़के तीन बजे से काम शुरू होता है और शाम सात बजे ही सेवादारों के हाथ रुकते हैं। रोटियों पर देशी घी भी चुपड़ा जाता हैैं। रोटी और सब्जी को पैक किया जाता है।

बाहरी मदद नहीं

हरदुआगंज में प्रतिदिन 1500 बोरा आटा और 1500 बोरा आलू की खपत हो रही है। संस्था बाहरी लोगों से मदद नहीं लेती। अलीगढ़ और आसपास के सेवादार ही सारी आर्थिक व्यवस्था करते हैं। अगर कोई सेवा देना चाहेे, तो इसकी अनुमति केंद्रीय आश्रम ब्यास से लेनी होती है। अभी तक कई प्रस्ताव आए लेकिन बाहरी मदद नहीं ली गई।

आइसोलेशन वार्ड में भी सहायता को बढ़े हाथ

राधास्वामी सत्संग ब्यास के जिले में 10 स्थल हैं। हरदुआगंज में 15 हजार व महारावल में 10 हजार लोगों के लिए भोजन बनता है। शेष स्थलों को आइसोलेशन के लिए दिया गया है।

यहां भी हैैं आश्रम : मोनिया, असरोई, गौंडा, करनपुर, पिसावा, नगला बादशाह, हरदोई व गोपी। ये सभी आइसोलेशन के लिए दिए हैैं।

सुबह से जुट जाते हैं काम पर

राधास्वामी सत्संग ब्यास के सचिव अंकुर खुराना बताते हैं कि 25 हजार लोगों को भोजन पहुंचाना  हमारे बस की बात नहीं है। सब गुरु  कृपा से हो रहा है। हम सभी तो सेवादार हैं। राधास्वामी सत्संग ब्यास के अध्‍यक्ष अरिवंद का कहना है कि कोशिश है कि कोई भी भूखा न रहे। हमारी टीम तड़के तीन बजे से जुट जाती है। शाम सात बजे तक लगातार  भोजन तैयार करते हैं।

सेवा का मौका मिला

सेवादार मीना देवी का कहना है कि सब सुबह से काम में जुट जाते हैं। कोई आटा गूंथता है, कोई सब्जी काटता है। जिसे जो काम मिलता है, जिम्मेदारी से करता है। मीना कुमारी बताती हैं कि आठ साल से सत्संग से जुड़ी हुई हूं। मुझे ऐसे समय में सेवा का मौका मिला है, जब लोगों को भोजन की जरूरत है। सब गुरु महाराज की कृपा है।

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