Aligarh lockdown: शब-ए-बरात पर मस्जिद रहीं बंद, घरों में ही नमाज

कोरोना वायरस के चलते शब-ए-बरात पर गुरुवार रात को लोगों ने घरों में ही नमाज पढ़ी। मस्जिदों से एलान हुआ कि घरों से बाहर न निकलें। पुलिस भी लाउडस्पीकर ये यही अपील करती दिखी।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Fri, 10 Apr 2020 10:11 AM (IST) Updated:Fri, 10 Apr 2020 10:11 AM (IST)
Aligarh lockdown: शब-ए-बरात पर मस्जिद रहीं बंद, घरों में ही नमाज
Aligarh lockdown: शब-ए-बरात पर मस्जिद रहीं बंद, घरों में ही नमाज

अलीगढ़[जेएनएन]: कोरोना वायरस के चलते शब-ए-बरात पर गुरुवार रात को लोगों ने घरों में ही नमाज पढ़ी। मस्जिदों से एलान हुआ कि घरों से बाहर न निकलें। पुलिस भी लाउडस्पीकर ये यही अपील करती दिखी। मस्जिद व कब्रिस्तान बंद रहे। 

ड्रोन से की निगरानी

शब-ए-बरात की रात में मुस्लिम समाज के लोग बड़ी संख्या में मस्जिदों में नमाज पढ़ते हैं। कब्रिस्तान में जाकर पुरखों को याद करते हैं। इस बार लॉकडाउन है। इसे लेकर पुलिस ने सुबह से मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में ड्रोन से निगरानी रखी। गली-गली जाकर लाउडस्पीकर से लोगों से घरों में रहने की अपील की। शहर की मस्जिदों से सुबह, दोपहर और शाम को घोषणा हुई कि कोई घरों से बाहर न निकले। देर शाम शाहजमाल कब्रिस्तान में रास्ता रोक दिया गया। शाहजमाल कब्रिस्तान वक्फ नंबर 63 के मुतवल्ली मुईन अहमद व संरक्षक नावेद ने बताया कि लोगों में घरों में ही नमाज पढ़ी। कब्रिस्तान पर असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए रास्ता रोक दिया गया था। अन्य मस्जिदें व कब्रिस्तान भी बंद रहे। इस्लाम में शबे बरात को अल्लाह की इबादत की रात माना गया है। इस बार गुरुवार को ही शबे बरात है। इस रात को लोग अल्लाह से अपने गुनाहों के लिए तौबा करते हैं और अपने हक में दुआ मांगते हैं। इस बार कोरोना रूपी महामारी के कारण लॉकडाउन है जिसके कारण कब्रिस्तान और मस्जिदें बंद हैं। इसके मद्देनजर मुस्लिम समाज के नुमाइंदों ने लोगों से घरों में ही रहकर इबादत करने की अपील की है।

नमाज पढऩे का विशेष महत्व

शबे बरात को नमाज पढऩे का विशेष महत्व माना गया है। इस दौरान लोग अल्लाह से अपने गुनाहों पर तौबा करते हुए परिवार के लिए दुआ मांगते हैं। तिलावते कुरआन भी दी जा सकती है। ऐसा माना जाता है कि इस रात अल्लाहताला जहन्नुम से गुनहगारों को आजाद करके जन्नत में दाखिल फरमाता है। अन्य त्योहारों की तरह शबे बरात पर भी लॉकडाउन का असर रहेगा। 

लॉकडाउन का पालन करना जरूरी

हाथरस ऑल इंडिया शेख जमीअतुल अब्बास कमेटी के सदर डॉ रईस अहमद अब्बासी का कहना है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए लॉकडाउन का पालन जरूरी है। शबे बरात पर घरों में ही नमाज पढ़ते हुए इबादत करें। मस्जिद व कब्रिस्तान जाने से बचें। जान है तो जहान है। महामारी जाति व धर्म नहीं देखती है। 

देश की भलाई पहले

  हाथरस मुस्लिम इंतजामियां कमेटी के सदर हाजी रिजावान ने बताया कि इबादत कहीं भी की जा सकती है। महामारी से बचने के लिए लॉकडाउन का पालन सभी को करना चाहिए। सड़कों पर न घूमें और न ही मस्जिद व कब्रिस्तान में जाएं। इसी में कौम व देश की भलाई है। 

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