एडीए ने दोनों फैक्ट्रियों से हटाई सील

जासं अलीगढ़ गूलर रोड पर शक्ति नगर स्थित आशा इंडिया इंडस्ट्रीज व कल्याणपुरम स्थित भाजपा व व्यापारी संगठनों के दबाव में लिया अफसरों ने यू-टर्न फैक्ट्री वालों को देना होगा समन शुल्क प्रदूषण भी रोकना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Nov 2020 01:54 AM (IST) Updated:Wed, 04 Nov 2020 01:54 AM (IST)
एडीए ने दोनों फैक्ट्रियों से हटाई सील
एडीए ने दोनों फैक्ट्रियों से हटाई सील

जासं, अलीगढ़ : गूलर रोड पर शक्ति नगर स्थित आशा इंडिया इंडस्ट्रीज व कल्याणपुरम स्थित अनुभव चौधरी (अनुभव अग्रवाल) की हार्डवेयर फैक्ट्री की सील मंगलवार को खोल दी गई। इन फैक्ट्रियों को अलीगढ़ विकास प्राधिकरण ने सील किया था। सीलिग के खिलाफ लघु उद्योग भारती की अगुवाई में शहर के सभी व्यापारी संगठन एक मंच पर आ गए थे। उद्योग बचाओ मंच के बैनरतले भाजपा सांसद सतीश गौतम व सभी सातों विधायकों ने एडीए उपाध्यक्ष और जिला प्रशासन पर दबाव बनाया था। कमिश्नर के हस्तक्षेप के बाद अफसरों ने यू-टर्न लिया। सीलिग हटाने पर एडीए ने शर्त भी समन शुल्क जमा करने व प्रदूषण रोकने के उपाय करने की रखी है।

29 अक्टूबर को सासनीगेट स्थित कल्याणपुरम में अभिनव अग्रवाल की हार्डवेयर फैक्ट्री को लैंड यूज चेंज न होने व आवासीय क्षेत्र में होने के कारण एडीए ने सील किया था। इसके दो दिन बाद शक्ति नगर स्थित प्रमोद अग्रवाल की आशा इंडिया कंपनी सील कर दी। इस फैक्ट्री के सील होते ही उद्यमियों में रोष पनप गया। लघु उद्योग भारती के प्रदेश समन्वयक व भाजपा नेता डॉ. राजीव अग्रवाल के आवास पर भाजपा जिलाध्यक्ष ऋषिपाल सिंह व ब्रज क्षेत्र उपाध्यक्ष श्यौराज सिंह से उद्यमियों ने दर्द बयां किया। बीते शनिवार को जीटी रोड स्थित एक मैरिज होम में भाजपा के दिग्गज नेता, सांसद सतीश गौतम, विधायक दलवीर सिंह, अनिल पाराशर, संजीव राजा व राजकुमार सहयोगी ने कार्रवाई का विरोध किया। सांसद ने रविवार को कमिश्नर से बात की।

डॉ. राजीव अग्रवाल ने बताया कि प्रशासन ने पार्टी व जनप्रतिनिधियों का सम्मान करते हुए सील खोली हैं। इसमें किसी की हार जीत का सवाल नहीं है। सरकार कोरोना संकट को लेकर उद्योगों को प्रोत्साहन दे रही है। ताकि अर्थव्यवस्था पटरी पर आ सके। अशोक चौधरी ने कहा कि उनकी फैक्ट्री खुल गई है।

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शिकायतकर्ता जाएंगे एनजीटी

कल्याणपुरम में जिस शिकायतकर्ता ने अभिनव अग्रवाल की फैक्ट्री के अवैध व प्रदूषितकारी होने का दावा किया है, वह अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में वाद दाखिल करेंगे। यहां के राजकुमार गोस्वामी ने कहा कि इस फैक्ट्री को एडीए उपाध्यक्ष ने सील कराया तो ने क्षेत्रीय लोगों ने राहत की सांस ली थी। अधिकारियों ने दबाव में आकर फिर से खोल दिया है। गोस्वामी ने कहा कि वे हार नहीं मानेंगे। विधिक राय ले रहे हैं।

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शहर के प्रमुख आठों मार्गों पर बनें औद्योगिक क्षेत्र : प्रदीप

उद्योगपति प्रदीप सिघल ने कहा है कि प्रशासन ने फौरी तौरपर उद्यमियों को राहत दी है। यह वैकल्पिक व्यवस्था है। शहर की आबादी बढ़ने से शहर का सुनियोजित विकास भी जरूरी है। जहां एमएसएमई उद्योग लगे हैं, वहां मिश्रित आबादी घोषित कराना स्थायी हल नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया है कि प्रशासन शहर के आठ प्रमुख मार्गों पर एमएसएमई उद्योगों को विकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाए। उद्यमियों की शहर में जहां फैक्ट्री है, उन स्थानों को खुद खरीदे। भवन सहित जगह की कीमत चुकता करे। दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की व्यवस्था करे। तब सीलिग की कार्रवाई सफल होगी। सीलिंग का यह जिन कभी भी जिदा हो जाता है।

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जयवीर सिंह ने प्रमुख

सचिव से की बात

फैक्ट्रियों के सीलिग की गूंज मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई है। मंगलवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री व एमएलसी जयवीर सिंह ने एडीए उपाध्यक्ष पर कार्रवाई व उद्यमियों की समस्या के समाधान के लिए प्रमुख सचिव आवास व शहरी दीपक कुमार से बात की। इससे पहले एमएलसी से उनके किशोर नगर आवास पर भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ ब्रज क्षेत्र के सहसंयोजक व ब्रज औद्योगिक व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ अग्रवाल सिक्स संस के नेतृत्व में उद्यमी मिले थे। उद्यमियों की बताई गई दुश्वारियों को जयवीर सिंह ने प्रमुख सचिव को बताया। कहा, अलीगढ़ का ताला व हार्डवेयर उत्पादन पारंपरिक है। अंग्रेजी शासन काल से यहां ताले का निर्माण किया जा रहा है। पुराने शहर स्थित एमएसएमई में शुमार छोटी-छोटी इकाइयों को मिश्रित आबादी में शुमार कर इन्हें संजीवनी दी जाए। पूर्व मंत्री ने बताया कि यह समस्या वर्ष 2008 में भी उनके समय आई थी, तब वे कैबिनेट में थे। उन्होंने व्यापारी व अफसरों को बुलाकर संयुक्त बैठक में उद्योगों को उजाड़ने पर सख्त चेतावनी दी थी। 12 साल बाद एक बार यह फाइल फिर खुल गई हैं। सीएम कोरोना संकट से उभारने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। यहां के अफसर उद्योगों को उजाड़ने पर आमादा है। यह स्वीकार नहीं होगा।

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