ऑफ्थाल्मोलॉजी फॉर इंस्टीट्यूट से मिटेगा अंधेरा

By Edited By: Publish:Sun, 18 Nov 2012 02:07 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2012 02:08 AM (IST)
ऑफ्थाल्मोलॉजी फॉर इंस्टीट्यूट से मिटेगा अंधेरा

कायार्लय संवाददाता, अलीगढ़ : सबकुछ ठीक रहा तो अब नेत्र रोगियों को दिल्ली, मुंबई जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें इलाज की सारी सुविधाएं यहां जेएन मेडिकल कालेज में ही मिल सकेंगी। मेडिकल कालेज को रीजनल इंस्टीट्यूट फॉर ऑफ्थाल्मोलॉजी (आरआइओ) से जोड़ने पर विचार चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय में सलाहकार (ऑफ्थाल्मोलॉजी) प्रो. राजवर्धन आजाद ने कहा कि देश में अभी तक 19 रीजनल इंस्टीट्यूट फॉर ऑफ्थाल्मोलॉजी हैं और इनका विस्तार किया जा रहा है। अलीगढ़ मंडल को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।

नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंटर फॉर ऑफ्थाल्मिक साइंसेज के हेड प्रो. राजवर्धन आजाद शनिवार को अलीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने आए थे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेडिकल साइंस में ऑफ्थाल्मोलॉजी ऐसा क्षेत्र है, जिसमें बड़ा सुधार हुआ है। ऑफ्थालमोलॉजी के क्षेत्र में भारत विदेशों को टक्कर दे रहा है। भारत ही ऐसा देश है जिसने सबसे पहले 1996 में राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम शुरू किया।

प्रो. आजाद ने कहा कि अब ऐसी प्लानिंग की जा रही है कि सभी जिला अस्पतालों को मेडिकल कालेज से और मेडिकल कालेजों को आरआइओ से जोड़ा जा सके। इसके लिए आरआइओ की संख्या बढ़ाई जाएगी। इन सेंटरों में इलाज की पूरी व्यवस्था की जाएगी, ताकि मरीजों को रेफर करने की नौबत न आए। ये योजना परवान चढ़ी तो ये केंद्र अलीगढ़ में जेएन मेडिकल कालेज या गांधी आई हॉस्पिटल में खोला जा सकता है। इसका प्लान भेजने के लिए मेडिकल कालेज के प्रो. आरआर सुकुल से कहा जाएगा। उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेज में रीजनल आई केयर सेंटर खोलने की मांग केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से भी की जा चुकी है।

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