गर्मी ने 'रुला' दी प्याज

केसी दरगड़, अलीगढ़ : नेशनल हॉर्टिकल्चर रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) की मदद से जिले में

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jun 2017 02:25 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jun 2017 02:25 AM (IST)
गर्मी ने 'रुला' दी प्याज
गर्मी ने 'रुला' दी प्याज

केसी दरगड़, अलीगढ़ : नेशनल हॉर्टिकल्चर रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) की मदद से जिले में नासिक की प्याज पैदा करने की मेहनत गर्मी ने मिंट्टी में मिला दी। पारा 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाने के कारण प्याज की गांठ जमीन में ही खराब हो गईं। किसानों के अनुसार, फसल तैयार हो जाती तो 2.50 लाख रुपये में बिकती।

एनएचआरडीएफ ने जिले में नासिक की प्याज की खेती कराने की योजना तैयार की थी। इसके लिए तीन किसानों को फरवरी में पांच दिन की ट्रेनिंग के लिए नासिक भेजा गया था और बीज भी वहीं से दिलाया गया था।

आठ किलो बीज : ट्रेनिंग के लिए गए ब्लॉक लोधा के केशोपुर जोफरी निवासी मुकेश कुमार गौड़ को 3.50 किलो, इगलास के तेहरा निवासी तेजवीर सिंह को 3.50 किलो व इगलास के ही बिसनपुर निवासी रामवीर कटारा को नासिक से ही एक किलो बीज मिला था। बीज की कीमत दो हजार रुपये प्रति किलो ली गई।

ऐसे होती है खेती : बीज से मार्च में पौध तैयार की गई। पौध को अप्रैल में आलू के खेत में मेड़ बनाकर रोपा गया। जुलाई के अंत तक फसल तैयार होने की संभावना थी।

25 हजार का नुकसान : पारा 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाने के कारण जमीन में गांठ की बढ़वार नहीं हुई और फसल भी सूख गई। किसानों को पौध तैयार करने से रोपाई तक 25 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। इस प्याज के लिए 40 डिग्री से कम तापमान की जरूरत होती है।

2.5 लाख की होती फसल : आठ किलो बीज से 20 बीघा खेत में रोपाई की गई। एक बीघा में 40 पैकेट प्याज तैयार होने का अनुमान था। एक पैकेट में 50 किलो प्याज आती है। कुल 400 कुंतल प्याज तैयार होती। इसकी बाजार में कीमत छह-सात रुपये प्रति किलो की दर से 2.50 लाख रुपये होती।

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गर्मी के कारण जमीन के अंदर गांठ खराब हो गईं और पौधे सूख गए। सारी मेहनत बेकार हो गई और नुकसान हुआ, सो अलग।

मुकेश कुमार गौड़, किसान

तापमान अचानक बढ़ने से ऐसा हो सकता है। तापमान धीरे-धीरे बढ़ना चाहिए। जांच कराकर एनएचआरडीएफ को पत्र लिखा जाएगा।

कौशल कुमार नीरज, जिला उद्यान अधिकारी

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