बोस के जीवन से लें राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा

अलीगढ़ : मंगलायतन विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती

By Edited By: Publish:Tue, 24 Jan 2017 12:41 AM (IST) Updated:Tue, 24 Jan 2017 12:41 AM (IST)
बोस के जीवन से लें  
राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा
बोस के जीवन से लें राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा

अलीगढ़ : मंगलायतन विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर गोष्ठी में सभी ने अपने विचार रखे। गोष्ठी को संबोधित करते हुए निदेशक जनसंपर्क प्रो. हेमंत अग्रवाल ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस का देश की आजादी में अमूल्य योगदान है। उन्होंने कहा कि नेताजी के साहस और शौर्य की गाथा अगर सामने आती तो एक ही परिवार का वर्चस्व नहीं हो पाता। श्री अग्रवाल ने नेताजी के जीवन से जुड़ी रोचक घटनाएं भी साझा कीं। विभागाध्यक्ष प्रो रविप्रकाश ने कहा कि बोस हमारी नसों में दौड़ते हैं। भारत की धरती पर ऐसा योद्धा दोबारा हुआ ही नहीं है कि जिसके एक नारे पर पूरा देश एक हो जाए। ऐसी क्षमता सुभाष चंद्र बोस में ही थी। विशाल व्यक्तित्व के धनी सुभाष चंद्र ने अंतिम सास कब-कहा ली यह अभी भी अबूझ पहेली बनी हुई है। अंग्रेजी साम्राज्य को हिला देने वाले नेताजी से हिटलर और मुसोलिनी भी मिलने को उत्सुक रहते थे। युवा बोस के जीवन से राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा लें। शिक्षक अलेख सच्चिदानंद नायक ने कहा कि अब बोस का दुनिया में अस्तित्व है या नहीं ये तो पता नहीं पर हर दिल में उनका अस्तित्व आज भी है। उनके जीवन पर आधारित एक उड़िया कविता भी सुनाई। छात्र अमितेष झा ने कहा कि देश के लिए समर्पण का भाव सुभाष चंद्र बोस जैसा होना चाहिए। छात्रा प्रतिभा ने कहा कि क्रातिकारियों के नाम की माला में एक प्रखर मोती सुभाष चंद्र बोस भी हैं। संचालन अमित उपाध्याय ने किया। गोष्ठी में अफरोज युनुस खान, मयंक जैन, अजय राठौर, जीतेंद्र गौतम, राहुल सिंह, दिव्यम, प्रगति, कार्तिकेय, अलीशा, झरना आदि मौजूद रहे।

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