रुक जाए सांस, नब्ज थमे, बात ही न हो..!

अलीगढ़ : उस्मानपाड़ा स्थित गोल्डन लॉज में गुरुवार रात शायर-कवियों की महफिल सजी। सभी ने शायरी व रचनाओं

By Edited By: Publish:Fri, 29 May 2015 02:21 AM (IST) Updated:Fri, 29 May 2015 02:21 AM (IST)
रुक जाए सांस, नब्ज  थमे, बात ही न हो..!

अलीगढ़ : उस्मानपाड़ा स्थित गोल्डन लॉज में गुरुवार रात शायर-कवियों की महफिल सजी। सभी ने शायरी व रचनाओं से वाहवाही लूटी।

इमदाद सोशल वेलफेयर सोसाइटी की ओर से मुफ्ती मरहूम अब्दुल कयूम की याद में हुए मुशायरा व कवि सम्मेलन में डॉ. इलियास ने सुनाया-दोस्ती को दायमी रखने का है ये फलसफा, दोस्ती के दुश्मनी की कोई गुंजाइश न हो। आबिदा खान 'कहकशां' ने यूं कहा-रुक जाए सांस, नब्ज थमे, बात ही न हो, जिस लम्हा तेरे प्यार की बरसात ही न हो। इनके अलावा खालिद फरीदी, तफसीर बसर, कलीम समर, बसीरुल वफा, जावेद वारसी, हरीश बेताब आदि ने रचनाएं पढ़ी। शहर विधायक जफर आलम ने शमा जलाकर सम्मेलन का आगाज किया।

शहर मुफ्ती का स्वागत

शहर मुफ्ती मुहम्मद खालिद हमीद का स्वागत किया गया। इस मौके पर सोसाइटी अध्यक्ष तसव्बुर जमाल, सचिव मेराज, अमानुल्ला खान आदि मौजूद रहे।

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