बाजार बंद, रंग शुरू

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : ब्रज क्षेत्र से सटा शहर भी होली की संस्कृति को समेटे हुए है। पूरे देश में

By Edited By: Publish:Thu, 05 Mar 2015 11:13 PM (IST) Updated:Fri, 06 Mar 2015 04:01 AM (IST)
बाजार बंद, रंग शुरू

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : ब्रज क्षेत्र से सटा शहर भी होली की संस्कृति को समेटे हुए है। पूरे देश में होली का जश्न छह मार्च को जरूर है। मगर, शहर एक दिन पहले ही टेसू के फूलों के रंगों से सराबोर हो जाता है। दरअसल, यह होली दुकानदार और व्यापारियों की खास मानी जाती है। गुरुवार को दोपहर बाद शहर का कुछ ऐसा ही मिजाज दिखाई दिया। 12 बजते ही दुकानदारों ने अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए। इसके बाद शुरू हो गई होली। व्यापारी एक-दूसरे से मिलते, अबीर-गुलाल लगाते हुए होली की मस्ती में डूबे दिखाई दिए। जिसने भी प्रतिष्ठान बंद करने में देरी की तो सारे व्यापारी दौड़ पड़ते, बोले आज तो रंग से सरोबार हो जाओ। फिर, होरियारे, होली है..की मस्ती में पूरी तरह घुल जाते। आप भी जानिए शहर के बाजारों का हाल।

महावीरगंज व छिपैटी शहर के व्यस्त बाजारों में से एक हैं। यहां सुबह से ही होली का सुरूर था। दोपहर 12 बजते ही होली के मूड में सब आ गए। रात में ही व्यापारी व दुकानदारों ने टेसू के फूलों को घोलकर रंग तैयार कर लिया था। इसके बाद शुरू हो गया होली का जश्न। यहां तो ग्राहक तक नहीं बच पाएं। खरीदारी करने आए ग्राहकों को भी दुकानदारों ने टेसू के फूलों के रंग से सरोबार कर दिया। सब बाजारों में निकल गए। एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाने।

जयगंज, सासनी गेट यहां भी होली व्यापारी और दुकानदार सुबह से ही होली की भीड़ थी। सुबह 10 बजे तक दुकानों पर ग्राहकों की जबर्दस्त भीड़ थी, उन्हें भी पता था कि दोपहर बाद वह रंग से नहीं बच पाएंगे। कुछ जगहों पर तो ऐसे ही हुआ। खरीदारी करते समय ही ग्राहकों को टेसू के फूलों के रंगों से नहला दिया गया। ढोल-नगाड़ों के साथ यहां हुरियारे नाचते-गाते निकल पड़े। कुछ व्यापारियों के तो कपड़े तक फाड़ दिए गए। 'होली है भई होली है', 'आज ना छोड़ेंगे' गाते हुए बाजारों में घूमने लगे। यहां तो बच्चे भी छतों पर चढ़कर आने-जाने वालों को निशाना बनाने लगे।

कनवरीगंज, रघुवीरपुरी इन बाजारों में भी कुछ ऐसा ही हाल था। हुरियारों की टोली मस्ती में निकल पड़ी। जो किसी ने यदि ना-नूकुर किया तो फिर रंग के साथ ही उसके कपड़े ही फटने तय थे। इसलिए अधिकांश हुरियारों को देखते ही अपना सिर नीचे झुका लेते। इसके बाद सब रंगों से उन्हें सराबोर कर देते।

यहां भी दिखी होली की मस्ती

पुराने शहर में गूलर रोड, देहलीगेट, रेवले रोड, फूल चौक, मदारगेट, दुबे पड़ाव, अचलताल यह दोपहर तक टेसू के फूलों के रंगों से सराबोर हो चुका था। फिल्मी गीतों पर लोग डांस कर रहे थे। ड्रम में भरे रंग जो भी आता उसके ऊपर उड़ेलने से नहीं गुरेज करते। दोपहर तक यहां दुकानदार और व्यापारी थे। ग्राहक सुबह ही खरीदारी कर घर निकल चुके थे।

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