बिजली को जमीन का झटका

By Edited By: Publish:Thu, 31 Jul 2014 02:19 AM (IST) Updated:Thu, 31 Jul 2014 02:19 AM (IST)
बिजली को जमीन का झटका

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : रोज-रोज बिजली समस्या से रूबरू होने वाली जनता के लिए बुरी खबर है। रामघाट रोड पर बढ़ते लोड को देखते हुए विक्रम कॉलोनी उपकेंद्र की स्थापना को मंजूरी तो मिली, पर अभी काम शुरू नहीं हो सका है। इसके लिए जमीन नहीं मिल पा रही है।

विद्युत नगरीय वितरण खंड-द्वितीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रामघाट रोड पर बिजली के बढ़ते लोड को देखते हुए 33/11 केवी उपकेंद्र के निर्माण की जरूरत महसूस की जा रही थी। इस समय इस क्षेत्र की आपूर्ति 33/11 केवी क्वार्सी तथा 33/11 केवी मेडिकल कॉलेज रोड से हो रही है।

दो साल पहले उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने इस क्षेत्र में दो गुणा दस एमवीए क्षमता का एक नया बिजली उपकेंद्र विक्रम कॉलोनी में स्वीकृत किया था। इस उपकेंद्र को 2013-14 में स्काडा योजना के तहत बनाए जाने का काम मै. एलएंडटी को दिया जा चुका है। जमीन ही नहीं है, इसलिए काम कैसे शुरू हो।

सूत्रों की मानें तो विक्रम कॉलोनी उपकेंद्र के लिए एसडीएम कोल की संस्तुति पर डीएम रहे अनिल कुमार ने 11 अप्रैल 2011 में प्रमुख सचिव, कृषि विभाग को पत्र भेजा था। शासन स्तर से कोई आदेश नहीं प्राप्त हुआ। उपकेंद्र निर्माण की आवश्यकता को देखते हुए डीएम ने मई में क्वार्सी फार्म के अंदर प्रस्तावित ऑडिटोरियम के निरस्त होने के बाद प्रस्ताव बनाने के निर्देश भी दिए थे। अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) बोर्ड की बैठक में भी चर्चा हुई थी। फिर भी, बात आगे नहीं बढ़ सकी है।

बिजली अफसरों के मुताबिक 2011, अप्रैल में जो प्रस्ताव शासन को गया है, उसी के मुताबिक उपकेंद्र की स्थापना हो सकती है। क्वार्सी थाना के बराबर में प्रस्तावित ऑडिटोरियम का निर्माण निरस्त हो चुका है। यहां ऑडिटोरियम के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी, इसलिए यहां उपकेंद्र की स्थापना हो सकती है। यह तकनीकी दृष्टि से भी मुफीद है। यहां उपकेंद्र के लिए 33 केवी लाइन आसानी से आ सकती है।

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..तो मिलेगी भरपूर बिजली

बिजली अफसरों की मानें तो स्काडा योजना के तहत विक्रम कॉलोनी उपकेंद्र का निर्माण करीब छह करोड़ की लागत से होगा। 22 गुणा 40 वर्ग मीटर जमीन मिलते ही 33/11 केवी उपकेंद्र का निर्माण शुरू हो जाएगा। इससे 24 घंटे बिजली मिलने का सपना भी पूरा हो सकेगा।

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डीएम व कमिश्नर को पत्र लिखा है। जमीन मिल जाए तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो जाएगा। संबंधित दोनों उपकेंद्र ओवर लोड हैं। इससे कई बार कटौती की समस्या आती है। फॉल्ट होने पर भी बस नहीं चलता।

-एनसी अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, बिजली विभाग

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