मालगाड़ी से जान का खतरा!
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : 19 जून 2011 को अलीगढ़ जंक्शन पर मालगाड़ी का व्हीलब्रेक खुलने से बड़ा हादसा हुआ था, सात लोग मारे गए थे। लगता है, इस हादसे से रेलवे अफसरों ने कोई सबक नहीं लिया।
आज भी ऐसी मालगाड़ियां पटरी पर दौड़ रही हैं जिनके के वैगन के दरवाजों को जुगाड़ करके पतले तार से बंद कर दिया जाता है। कहने की जरूरत नहीं कि अगर पतला तार टूट जाए और प्लेटफार्म पर गुजरते समय दरवाजा खुल जाए तो फिर कई लोग अपनी जान गवां सकते हैं।
रेलवे ने माल ढुलाई भाड़े में पिछले साल से अब तक कई बार वृद्धि की है। हर बार सुविधा बढ़ाने की बात होती है मगर रेलवे का ध्यान सिर्फ कमाई बढ़ाने पर ही रहता है। व्यवस्था सुधारने की बात तो दूर, सुरक्षा तक की अनदेखी की जा रही है।
मालगाड़ियों के वैगन के दरवाजों के कुंडे टूटे हुए हैं। माल भरने के बाद एल्यूमिनियम के तार से बांध कर इन दरवाजों को बंद कर दिया जाता है। इन तारों में ज्यादा दम नहीं होता। दबाव पड़ते ही टूटने का अंदेशा रहता है। ये तार टूटे तो दरवाजा खुल सकता है, खास कर जब कोयले के वैगन में दबाव अधिक होता है।
गुरुवार को कोयले से भरी मालगाड़ी हरदुआगंज जा रही थी। इसके ज्यादातर वैगनों के दरवाजे एल्यूमिनियम के तार से बांधे गए थे। कुछ में कुंडे ठीक से बंद नहीं किए गए थे। मालगाड़ी प्लेटफार्म दो से गुजर रही थी। जानकार बताते हैं कि तीन साल पहले ऐसे ही लापरवाही के कारण मालगाड़ी का व्हील ब्रेक निकलने से सात यात्रियों की मौत हो गई थी।