Pollution in Yamuna: UP में नोएडा से प्रयागराज तक मथुरा में सबसे गंदी यमुना

pollution in yamuna यूपीपीसीबी की जनवरी से जुलाई तक की रिपोर्ट से सामने आई स्थिति। टोटल कॉलिफार्म बढ़ा होना मुख्य वजह रहा आगरा दूसरे नंबर पर।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 09 Sep 2020 07:57 AM (IST) Updated:Wed, 09 Sep 2020 01:15 PM (IST)
Pollution in Yamuna: UP में नोएडा से प्रयागराज तक मथुरा में सबसे गंदी यमुना
Pollution in Yamuna: UP में नोएडा से प्रयागराज तक मथुरा में सबसे गंदी यमुना

आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र में यमुना नोएडा से प्रयागराज तक मथुरा में सबसे गंदी है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) की जनवरी से जुलाई तक की 20 सैंपलिंग प्वॉइंट की रिपोर्ट से यह स्थिति सामने आई है। यमुना में प्रदूषण के मामले में आगरा दूसरे नंबर पर है। यहां नदी में सीधे गिरते नालों की वजह से टोटल कॉलिफार्म (मानव व जीव अवशिष्ट) की मात्रा बढ़ी हुई है।

यूपीपीसीबी द्वारा प्रतिमाह दो बार यमुना जल की सैंपलिंग की जाती है। आगरा में तीन स्थानों कैलाश घाट, वाटर वर्क्स और ताजमहल के डाउन स्ट्रीम में सैंपलिंग होती है। उसकी जांच यूपीपीसीबी के आगरा और लखनऊ कार्यालय में की जाती है। यूपीपीसीबी की वेबसाइट पर नाेएडा से प्रयागराज तक 20 सैंपलिंग प्वॉइंट की जनवरी से जुलाई तक की माहवार और औसत के आधार पर रिपोर्ट जारी की गई है। औसत के आधार पर देखें तो मथुरा की डाउन स्ट्रीम में टोटल कॉलिफार्म की मात्रा 107287 मोस्ट प्रोबेबल नंबर प्रति 100 मिलीलिटर दर्ज की गई। वहीं आगरा में ताजमहल के डाउन स्ट्रीम में टोटल कॉलिफार्म की अधिकतम मात्रा 92286 मोस्ट प्रोबेबल नंबर प्रति 100 मिलीलिटर दर्ज की गई। नोएडा से लेकर प्रयागराज तक नदी के डाउन स्ट्रीम मेंं टोटल कॉलिफार्म की मात्रा मथुरा में सर्वाधिक और उसके बाद आगरा में रही। मानक के अनुसार यह किसी भी दशा में पांच हजार मोस्ट प्रोबेबल नंबर प्रति 100 मिलीलिटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।

उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन यादव ने बताया कि आगरा में यमुना के सर्वाधिक प्रदूषित होने की वजह उसमें नालों का सीधे गिरना है। इसकी रोकथाम को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने प्रस्तावित हैं, जिनके लिए संबंधित विभाग अनुमति संबंधी प्रक्रिया ूपूरा करने में जुटे हुए हैं।

कहां क्या रही स्थिति (औसत के आधार पर)

सैंपल स्थल, डीओ, बीअोडी, टोटल कॉलिफार्म, फीकल कॉलिफार्म

अप स्ट्रीम नोएडा, 3.7, 19.1, -, -

डाउन स्ट्रीम नोएडा, 1.1, 36.9, -, -

अप स्ट्रीम वृंदावन, 6.1, 8.1, 61167, 48000

केशी घाट वृंदावन, 5.9, 8.6, 70714, 47000

डाउन स्ट्रीम वृंदावन, 5.8, 8.6, 68857, 51500

अप स्ट्रीम मथुरा, 6.2, 8.7, 81714, 63167

शाहपुर मथुरा, 5.9, 8.8, 92714, 67571

विश्राम घाट मथुरा, 6.2, 9.5, 91143, 68286

डाउन स्ट्रीम मथुरा, 6.0, 9.4, 107286, 77833

अप स्ट्रीम कैलाश घाट आगरा, 6.2, 10.7, 36429, 16286

अप स्ट्रीम वाटर वर्क्स आगरा, 5.7, 11.9, 49000, 20000

डाउन स्ट्रीम ताजमहल, आगरा, 5.3, 13.3, 92286, 42000

अप स्ट्रीम फीरोजाबाद, 6.1, 13.7, -, -

डाउन स्ट्रीम फीरोजाबाद, 5.9, 15.6, -,-

अप स्ट्रीम इटावा, 6.2, 13.3, -, -

डाउन स्ट्रीम इटावा, 6.0, 15.3, -, -

अप स्ट्रीम वाटर इनटेक प्रयागराज, 8.9, 1.9, 2129, 691

डाउन स्ट्रीम बलुआ घाट प्रयागराज, 9.3 2.1, 2514, 959

डाउन स्ट्रीम छाछर नाला प्रयागराज, 8.6, 2.2, 2671, 1044

डाउन स्ट्रीम इमरजेंसी आउटफाल, 8.5, 2.2, 2529, 989

यह हैं मानक

-डिजॉल्व ऑक्सीजन: पीने के पानी में छह, नहाने के पानी में पांच और ट्रीटमेंट के बाद किसी भी दशा में चार मिलीग्राम प्रति लिटर से कम नहीं होनी चाहिए।

-बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड: पीने के पानी में दो, नहाने के पानी में तीन और ट्रीटमेंट के बाद किसी भी दशा में तीन मिलीग्राम प्रति लिटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।

-टोटल कॉलिफार्म: पीने के पानी में 50, नहाने के पानी में 500 और शोधन के बाद किसी भी दशा में 100 मिलीलिटर में 5000 मोस्ट प्रोबेबल नंबर से अधिक नहीं होना चाहिए। 

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