UP Board 2021: बिना जिओ टैगिंग और मैपिंग, नहीं बनेंगे बोर्ड परीक्षा केंद्र

UP Board 2021 उप्र माध्यमिक शिक्षा विभाग (यूपी बोर्ड) परीक्षा के लिए लिए जरूरी। केंद्रों के बीच दूरी का आंकलन कर होगा विद्यार्थियों का आवंटन। विद्यालयों को पांच दिसंबर तक बोर्ड की वेबसाइट पर अपना डाटा अपलोड करना था। इसमें जियो टैगिंग और जियो मैपिंग भी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sun, 06 Dec 2020 08:11 AM (IST) Updated:Sun, 06 Dec 2020 08:11 AM (IST)
UP Board 2021: बिना जिओ टैगिंग और मैपिंग, नहीं बनेंगे बोर्ड परीक्षा केंद्र
उप्र माध्यमिक शिक्षा विभाग (यूपी बोर्ड) परीक्षा के लिए लिए जरूरी।

आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में केंद्रों का निर्धारण छात्रों के स्कूल से न्यूनतम पांच व अधिकतम 10 किसी के मानक के अनुसार होना है। इसका निर्धारण करने के लिए बोर्ड ने स्कूलों की जियो टैगिंग व जियो मैपिंग अनिवार्य कर दी है, ताकि विद्यालयों के बीच की दूरी का आंकलन कर परीक्षा केंद्र विद्यार्थियों को आवंटित किए जा सकें। ऐसे में जिस विद्यालय इसमें लापरवाही बरती होगी, उसका बोर्ड परीक्षा केंद्र बनने का सपना लटकना तय है।

दरअसल विद्यालयों को पांच दिसंबर तक बोर्ड की वेबसाइट पर अपना डाटा अपलोड करना था। इसमें जियो टैगिंग और जियो मैपिंग भी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसे पूरा करना सभी विद्यालयों के लिए अनिवार्य था। बोर्ड परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति के अनुसार इसके माध्यम से ही विद्यालयों के बीच की दूरी का आंकलन कर उनके विद्यार्थियों को पांच से 10 किसी तक के विद्यालयों में आवंटित करना है। जिला विद्यालय निरीक्षक रवींद्र सिंह ने बताया कि विद्यालयों को सूचनाएं आवंटित करने के लिए पांच दिसंबर तक का समय दिया गया था, लेकिन अब तक अधिकतर विद्यालयों ने डाटा अपलोड नहीं किया है। कई की जियो टैगिंग और मैपिंग प्रक्रिया भी अधूरी है। इस लिहाज से उनके बोर्ड परीक्षा केंद्र बनने में दिक्कत होगी।

यह है टैगिंग प्रक्रिया

विद्यालयों को जियो टैगिंग अपने परिसर से ही करनी है। बोर्ड की वेबसाइट पर स्थित मोबाइल एप को डाउनलोड कर जियो टैगिंग व मैपिंग करनी होगी। यह प्रक्रिया विद्यालय प्रधानाचार्य विद्यालय लाग इन आइडी से विद्यालय परिसर से ही पूरी करेंगे, जो लागीट्यूट और लैटिट्यूट दिखेगा, उसे साइट पर अंकित करना होगा। इसी से केंद्रों के बीच की दूरी का आंकलन होगा। 

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