दिल्ली में उद्घोष, सोशल मीडिया पर दिखाया अपना जोश

दिल्ली में हुई विहिप की धर्म सभा, आगरा से पहुंचे राम भक्त, सोशल मीडिया पर पूरे दिन छाया रहा भगवा रंग

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Dec 2018 10:00 AM (IST) Updated:Mon, 10 Dec 2018 10:00 AM (IST)
दिल्ली में उद्घोष, सोशल मीडिया पर दिखाया अपना जोश
दिल्ली में उद्घोष, सोशल मीडिया पर दिखाया अपना जोश

आगरा, जागरण संवाददाता। दिल्ली की धर्मसभा में आगरा ने भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। शनिवार रात से रविवार सुबह तक ¨हदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं का दिल्ली जाना लगा रहा। कंपकपी छुड़ाने वाली हवा उनके हौसलों के सामने पसीना छोड़ रही थी। शहर के रामभक्तों का सोशल मीडिया पर जोश देखने लायक था।

शनिवार रात को शहर के विभिन्न स्थानों से बसें दिल्ली के लिए रवाना हुई। इस दौरान संघ, विहिप ही नहीं भाजपा के कद्दावर नेता और जनप्रतिनिधि भी भीड़ जुटाने में लगे थे। विहिप के प्रांत उपाध्यक्ष सुनील पाराशर ने आवास विकास क्षेत्र के घर-घर से कार्यकर्ताओं को निकाला, तो महानगर कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र गर्ग ने प्रताप नगर और दूसरे क्षेत्रों से संख्या जुटाई। स्थिति यह रही कि रविवार सुबह तक कोई बस से रवाना हुआ तो कोई निजी वाहनों से। ¨हदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता पूरी यात्रा को तो सोशल मीडिया पर लाइव करते रहे, धर्मसभा के फोटो भी सोशल मीडिया से पटा रहा। फेसबुक पर अधिकांश लोगों ने शहर से रवाना होने से लेकर धर्मसभा में मौजूदगी तक के फोटो पोस्ट किए। इसके अलावा व्हाट्सएप ग्रुप में भी फोटो जमकर शेयर किए गए। ट्विटर भी इससे अछूता नहीं रहा।

बसें एक चौथाई, संख्या भी कम आई

विहिप और सहयोगी संगठनों की समन्वय बैठक में आगरा के हिस्से में एक हजार बसों का लक्ष्य आया था। इसमें से एक चौथाई भी बसें नहीं गई। दरअसल बसों की व्यवस्था ही नहीं हो सकी। लिहाजा लोगों ने निजी वाहनों का सहारा लिया।

जाम ने किया परेशान

शहर के कई रामभक्तों ने दिल्ली से लौटते वक्त कोसी होकर आना पसंद किया तो कई एक्सप्रेस वे होकर आए। कोसी होकर आने वाले देर शाम तक शहर पहुंच गए,जबकि एक्सप्रेस वे का रूट पकड़ने वाले शाहदरा में ही जाम में फंस गए। भाजपा के जिलाध्यक्ष श्याम भदौरिया व मीडिया प्रभारी केके भारद्वाज ने बताया कि शाहदरा में चार घंटे से काफी वाहन फंसे हुए हैं। हालांकि दिल्ली में दूसरी व्यवस्थाएं दुरस्त रहीं। यातायात व्यवस्था भी ट्रैफिक पुलिस के साथ स्वयंसेवकों ने भी संभाल रखी थी।

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