हर सांस है कीमती, अगर उखड़ने लगे जरा भी तो तुरंत पहुंचे डॉक्‍टर के पास Agra News

जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट डॉ. रनवीर त्यागी ने सवालों के जवाब दिए। उखड़ती सांस के लिए वेंटीलेटर है संजीवनी।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Fri, 13 Sep 2019 03:33 PM (IST) Updated:Fri, 13 Sep 2019 03:33 PM (IST)
हर सांस है कीमती, अगर उखड़ने लगे जरा भी तो तुरंत पहुंचे डॉक्‍टर के पास Agra News
हर सांस है कीमती, अगर उखड़ने लगे जरा भी तो तुरंत पहुंचे डॉक्‍टर के पास Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। मरीज की उखड़ती सांस के लिए वेंटीलेटर संजीवनी है, इससे मरीज की जान बच सकती है। बुखार से लेकर अन्य संक्रमण में मरीज की सांस फूलने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। यह घातक हो सकता है। दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट डॉ. रनवीर त्यागी ने सवालों के जवाब दिए।

सवाल : हाथ पैर जकड़ जाते हैं, कुछ देर बाद सही हो जाते हैं। यह किस कारण हो सकता है।

जवाब : कई बार सदमे में यह होता है, अप्रत्याशित घटना देखने के बाद हाथ पैर जकडऩे लगते हैं। कुछ देर बाद यह ठीक हो जाते हैं तो कोई समस्या नहीं है।

सवाल : सड़क दुर्घटना के घायल को अस्पताल में भर्ती करा देते हैं तो पुलिस बार-बार पूछताछ के लिए परेशान तो नहीं करेगी और अस्पताल तक कैसे सुरक्षित लेकर जाएं।

जवाब : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सड़क दुर्घटना के घायल को अस्पताल में भर्ती कराने वाले से कोई पूछताछ नहीं कर सकता है। अस्पताल को मरीज भर्ती कर प्राथमिक उपचार देना होगा, घायलों को भर्ती करने वालों को नेक आदमी से सम्मानित भी किया जाता है।

सवाल : मरीज को वेंटीलेटर पर रख लेते हैं, इससे बिल बढ़ता रहता है, वेंटीलेटर पर कब रखना चाहिए।

जवाब : वेंटीलेटर एक संजीवनी की तरह है, मरीज को सांस फूलने लगती है तो शरीर की ऑक्सीजन की डिमांड पूरी करने के लिए ऑक्सीजन लगाई जाती है। फेफड़ों में संक्रमण होने और ऑक्सीजन की आपूर्ति संक्रमण के कारण शून्य हो जाने पर वेंटीलेटर पर मरीज को रखा जाता है। इसमें कृत्रिम तरीके से 100 फीसद ऑक्सीजन दी जाती है। जिससे अन्य अंगों पर असर ना पड़े, समय से मरीज को वेंटीलेटर पर रख दिया जाए तो अधिकांश केस में मरीज की जान बच जाती है। मरीज की मौत के दो से तीन घंटे बाद शरीर में अकडऩे लगता है, ऐसे में उसे वेंटीलेटर पर नहीं रखा जा सकता है।

सवाल : अटैक पडऩे पर क्या करना चाहिए।

जवाब: मरीज को अटैक पड़ता है, उसके गले के बगल में हाथ से नाड़ी देखी जाती है, यह बंद है तो कॉम्प्रीहेंशन ओनली लाइफ सपोर्ट (सीओएलएस) देते हुए मरीज को अस्पताल तक ले जाना चाहिए। इसके लिए दोनों हाथों से छाती को एक मिनट में 100 बार दबाया जाता है। इससे मरीज की जान बच सकती है।

सवाल : बुखार फैल रहा है, क्या करना चाहिए।

जवाब : वायरल बुखार फैल रहा है, ऐसे में सांस फूलने लगे और सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इस तरह के केस में वायरल से फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है।

घायल के रीढ़ की हड्डी की चोट देख लें

सड़क दुर्घटना के घायल को अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए यह देख लें कि उसकी रीढ़ की हड्डी में चोट तो नहीं है। चोट है तो मरीज को सीधा लिटा दें, चोट नहीं है तो करवट से लिटा कर अस्पताल तक लेकर जाएं।

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