No Entry: आखिर आगरा में क्यों आंख बंद कर दी जाती है वाहनों को नो एंट्री में Entry

No Entry सरकारी गेहूं के अलावा गिट्टी और मोरंग के ट्रकों को भी दी जाती है नो एंट्री में छूट। ट्रैफिक पुलिस कार्यालय के कुछ कर्मचारी अनुमति की आड़ में करते हैं उगाही। शहर में सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक नो एंट्री रहती है।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 16 Dec 2020 03:25 PM (IST) Updated:Wed, 16 Dec 2020 03:25 PM (IST)
No Entry: आखिर आगरा में क्यों आंख बंद कर दी जाती है वाहनों को नो एंट्री में Entry
सरकारी गेहूं के अलावा गिट्टी और मोरंग के ट्रकों को भी दी जाती है नो एंट्री में छूट।

आगरा, जागरण संवाददाता। नो एंट्री में एंट्री को यूं ही आंख बंद कर अनुमति नहीं दी जाती। ट्रैफिक पुलिस कार्यालय के कुछ कर्मचारी इसकी आड़ में उगाही करते हैं। जो सुविधा शुल्क देते हैं, उनकी अनुमति आसानी से हो जाती है। नहीं देने पर कायदे कानून का हवाला देकर अनुमति अटका दी जाती है। लंबे समय से यह खेल चल रहा है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।

शहर में सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक नो एंट्री रहती है। इस दौरान किसी भी भारी वाहन और माल वाहक वाहन को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती। केवल आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों को एसपी ट्रैफिक कार्यालय से अनुमति दी जाती है। पिछले दिनों सरकारी गेहूं और चावल ढोने के लिए इसीलिए एसपी ट्रैफिक कार्यालय से 70 ट्रकों को अनुमति दी गई है। अब इन ट्रकों का नो एंट्री के समय में शहर में आवागमन रहेगा। इसी तरह सैकड़ों वाहनों को एसपी ट्रैफिक कार्यालय से अनुमति दी जाती है। गिट्टी ढाेने वाले ट्रैक्टर और ट्रकों को भी अनुमति दी जाती है। सुविधा शुल्क मिलने पर यहां के कर्मचारी कोई पेपर नहीं देखते। अगर नहीं दिया तो तमाम कमियां निकालकर प्रार्थना पत्र रद कर दिया जाता है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा अब तक जारी की गई अनुमति का आडिट हो तो हकीकत सामने आ जाएगी। एसएसपी बबलू कुमार का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं था। वे अब इसकी जांच कराएंगे। कर्मचारियों की संलिप्तता पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। 

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