टीबी की जांच के लिए जरूरी नहीं है अब बलगम, यूरिन किट से भी हो सकेगी जांच Agra News

जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइकोबैक्टीरियल रोग संस्थान में चल रहा शोध। बच्चे और टीबी से बांझपन की शिकार हुई महिलाओं के परीक्षण में मिलेगी मदद।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 05:40 PM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 12:13 PM (IST)
टीबी की जांच के लिए जरूरी नहीं है अब बलगम, यूरिन किट से भी हो सकेगी जांच Agra News
टीबी की जांच के लिए जरूरी नहीं है अब बलगम, यूरिन किट से भी हो सकेगी जांच Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। टीबी की जांच को आसान बनाने के लिए शोध कार्य चल रहे हैं। यह जांच मरीज के यूरिन से किट के माध्यम से की जा सके, इसके लिए जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइकोबैक्टीरियल रोग संस्थान में शोध शुरू हुआ है। इससे बलगम का सैंपल देने में समस्या पैदा करने वाले बच्चों की जांच करने में मदद मिलेगी। साथ ही बांझपन की शिकार महिलाओं में टीबी की जांच की जा सकेगी।

टीबी की जांच के लिए बलगम के सैंपल लिए जाते हैं। यह जांच दो घंटे में भी होने लगी है, मगर बच्चों में बलगम के सैंपल लेने में समस्या आती है। इसके लिए यूरिन (पेशाब) के सैंपल से किट के माध्यम से टीबी की जांच के लिए शोध शुरू हुआ है। संस्थान के विशेषज्ञों के अनुसार माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस से टीबी का संक्रमण होता है। इस बैक्टीरिया का लाइपोएराबिनोमैनन (लैम) एंटीजन होता है। यूरिन के सैंपल में लैम की जांच की जाती है, लैम पॉजिटिव आने पर मरीज को टीबी हो सकती है। इसके लिए एलिसा टेस्ट किया जाता है, इसमें टीबी की पुष्टि होने पर मरीज का इलाज शुरू किया जा सकता है। यूरिन से टीबी की जांच के लिए किट बनाने की कवायद चल रही है। जालमा कुष्ठ एवं अन्य माइकोबैक्टीरियल रोग संस्थान के निदेशक श्रीपाद एक पाटिल ने बताया कि यूरिन किट से टीबी की जांच के लिए शोध शुरू किया गया है। इस पर संस्थान के शोधार्थी काम कर रहे हैं।  

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