शिवपाल की आरपार की धमकी के बाद अंडरपास पर गरमाई सियासत, धरने का आज आठवां दिन

सिक्स लेन के कारण रुक गया है 40 गांवों का आवागमन का मार्ग। अंडरपास की मांग को लेकर ग्रामीण दे रहे धरना।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 30 Nov 2018 03:17 PM (IST) Updated:Fri, 30 Nov 2018 03:17 PM (IST)
शिवपाल की आरपार की धमकी के बाद अंडरपास पर गरमाई सियासत, धरने का आज आठवां दिन
शिवपाल की आरपार की धमकी के बाद अंडरपास पर गरमाई सियासत, धरने का आज आठवां दिन

आगरा, जेएनएन। फीरोजाबाद जिले के मक्खनपुर क्षेत्र में नवादा से होकर बनाई जा रही सिक्स लेन को लेकर सियासत गरमाती जा रही है। सड़क के कारण आसपास के करीब 40 गांवों के लोगों का आवागमन प्रभावित होने से ग्रामीण लगातार आठ दिनों से धरने पर बैठे हैं। लोगों के इस आक्रोश का फायदा विपक्षी दल लगातार उठा रहे हैं। सत्तारूढ़ पार्टी के नेता जहां ग्रामीणों को समझाने पहुंच रहे हैं तो विपक्षी दलों के नेता चिंगारी को आग का रूप देने का काम कर रहे हैं। गुरुवार को धरना स्थल पर पहुंचे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के संयोजक शिवपाल यादव ने सरकार को आर- पार की लड़ाई की धमकी देते हुए खुद भी धरने पर बैठने की चेतावनी दी।

उन्होंने कहा कि 40 गांवों के ग्रामीणों की मांग जायज है। उनकी पार्टी इसका पूरा समर्थन करती है। अंडरपास बनाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। यदि नौ दिसंबर तक अंडरपास स्वीकृत न हुआ तो वे खुद ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठेंगे। पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल ङ्क्षसह यादव ने कहा कि एनएचएआइ के अधिकारियों ने मुहम्मदपुर नवादा और नगला रमिया के समीप अंडरपास न बनाकर गलती की है। अंडरपास नहीं बना तो ग्रामीण और उनके रिश्तेदार कहां से आएंगे- जाएंगे, इसका ध्यान भी नहीं रखा गया। अधिकारियों की लापरवाही से 40 गांव के ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसान खेती का काम छोड़कर धरना दे रहे हैं, जबकि अधिकारी मौन साधे हुए हैं। प्रशासन लिखित में आश्वासन दे तो धरना समाप्त हो सकता है।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को नौ दिसंबर को लखनऊ में आयोजित रैली में भी उठाया जाएगा। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी बात की जाएगी।

सरकार नहीं कर रही काम

नौ दिसंबर को होने वाली जन जनआक्रोश रैली आयोजन पर उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश की सरकार कोई काम नहीं कर रही है। दो करोड़ नौकरियां देने और महंगाई घटाने का वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं किया। हर चीज महंगी हो गई है। इससे जनता में आक्रोश है, इसलिए रैली का नाम जनाक्रोश रखा है। जब उनसे पूछा गया कि यदि वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे तो मुलायम ङ्क्षसह किसके साथ आएंगे। इस पर उन्होंने कहा कि नेता जी का उन्हें आशीर्वाद मिला है। जो उन्हें उनके साथ आने से रोकेगा उन्हें जनता रोक देगी।

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