Radha Astami 2021: बरसाना के ब्रह्मांचल पर्वत पर जन्मीं रासेश्वरी 'राधारानी', कृष्ण संगिनी का अभिषेक भी हुआ खास
राधाअष्टमी पर मंत्रोच्चारण के बीच सुबह सवा घंटा चला अभिषेक। राधे-राधे के जयकारों से गूंजा ब्रज मंडल। हजारों की संख्या में मंदिर परिसर में जुटे हैं श्रद्धालु। दूध दही शहद गाय का घी इत्र बूरा 27 पेड़ों की पत्तियां 27 जगह की रज 27 कुओं के जल से हुआ अभिषेक।
आगरा, जेएनएन। ब्रजभूमि की छटा पर आज श्रद्धा नतमस्तक तो भक्ति नृत्य करती नजर आई। दुनिया भर का वैभव मानो बरसाना में आकर सिमट गया। आखिर ब्रजभूमि की महारानी राधारानी जन्म लेने वाली थीं। ब्रजभूमि की परंपरा में यह खासियत है कि यहां हर साल राधा कृष्ण जन्म लेते हैं और धार्मिक मान्यता इसे नित्य लीला से परिभाषित करती है। सोमवार रात से मंगलवार दोपहर तक राधे के जयकारों से बरसाना गूंजता रहा। तड़के अभिषेक के साथ ही उमड़ी भीड़ शाम तक बनी रही। जन्म के बाद महारानी का दूध से अभिषेक किया गया।
बरसाना में आज हर तरफ इस तरह भीड़ नजर आ रही है।
मंगलवार सुबह चार बजे बरसाना स्थित मंदिर के गर्भ ग्रह में घंटे घडियाल बज उठे। भक्त राधारानी के जयकारे लगा रहे थे। समूचा मंदिर राधारानी के जयकारों से गुंजायमान होता रहा। जन्म के साथ ब्रजाचार्य नारायन भट्ट द्वारा प्राकट्य विग्रह को चांदी की चौकी में विराजमान किया गया। मंदिर के सेवायत परिवारों के आचार्य वेद मंत्रों का उच्चारण करने लगे। मूल नक्षत्र में जन्मी राधारानी का लगातार एक घंटेे तक अभिषेक चला। दूध, दही, शहद, गाय का घी, इत्र, बूरा, 27 पेड़ों की पत्तियां, 27 जगह की रज, 27 कुओं का जल, सप्त अनाज, सात मेवा, सात फल से बारी-बारी से बृषभान नंदनी के विग्रह का अभिषेक किया। आचार्यों ने वेद मंत्रों के साथ नवग्रह देवताओं का आह्वान किया। अंत में यमुनाजल सहित सात नदियों के जल से स्नान कराया गया। श्रृद्धालु पुष्पों की बारिश करते रहे। इससे पूर्व रात्रि तीन बजे से मंगल बधाइयों का गायन किया गया। इसमें दाई, मान, सवासनी, नाइन, नामकरण लीलाओं के पदों का प्रस्तुतिकरण किया गया। राधा जन्म को देखकर श्रृद्धालु बरसाने वाली की जय, बृषभान नंदनी की जय जयकार करने लगे। कृष्ण की आल्हादिनी शक्ति के धराधाम पर अवतरित होने की खुशी में नंदगांव से लोग दूसरे दिन भी बधाई लेकर पहुंचे।
बृषभान जी को लाली के जन्म की बधाई देने के बाद यह लोग बृषभानोत्सव में जमकर थिरके। श्रद्धालु अपनी आराध्या का गुणगान अपने-अपने अंदाज में कर रहे थे। जिधर भी नजर घुमाकर देखा जाता, उधर से राधा नाम का गुणगान होता सुनाई देता। नंदगांव और बरसाना वासियों ने बधाई पद प्रस्तुत किए। भक्तों ने गहवरवन की परिक्रमा, फूलगली, रंगीली गली, टांटिया मोहल्ला, मैन बाजार, थाना मार्ग, सांकरी खोर, चिकसौली होकर लगाई। भक्तों ने परिक्रमा के दौरान सीताराम मंदिर, गोपालजी मंदिर, राधारस मंदिर, जयपुर मंदिर, मानगढ़, मोरकुटी, दानगढ़, लाड़लीजी मंदिर, महीभानजी मंदिर, अष्टसखी मंदिर, बृषभानजी मंदिरों के दर्शन किए।
शहनाई की मंगल धुनों के बीच भक्तों का परिवार जन्म से पूर्व की बधाई लेकर मंदिर पहुंचा। इसमें कपड़े, मिठाई, फल आदि भेंट किए गए। बृषभानु नंदनी के जन्मोत्सव में जगद्गुरू कृपालु जी महाराज के निज आश्रम रंगीली महल में श्रद्धालुओं द्वारा देर रात तक राधाकृष्ण के नाम का संकीर्तन करते नजर आए। मंगलवार सुबह रंगीली महल में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ राधारानी का अभिषेक किया गया तथा केक काटकर लाडली का जन्मोत्सव मनाया गया।