अमृत सरोवरों में भी जल भी होगा 'अमृत' समान, गंदा पानी न पहुंचे, इसके लिए भी हो रहे इंतजाम

आगरा जनपद में बनाए जा रहे अमृत सरोवरों में जाने से रोकी जाएगी गंदे पानी की धारा। कुल 150 अमृत सरोवर विकसित किए जाएंगे। 122 तालाबों का हो चुका है यहां चयन। 28 तालाबों का चयन रह गया है शेष। अब तक 38 तालाबों पर शुरू हो चुका है कार्य।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 09 Jun 2022 01:33 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jun 2022 01:33 PM (IST)
अमृत सरोवरों में भी जल भी होगा 'अमृत' समान, गंदा पानी न पहुंचे, इसके लिए भी हो रहे इंतजाम
आगरा जनपद में कुल 150 अमृत सरोवर बनाए जाने हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। अमृत सरोवर में तब्दील होने वाले तालाबों को गांवों के गंदे पानी से मुक्ति मिलेगी। गांव की गलियों से होकर तालाब तक पहुंचने वाली गंदे पानी की धारा को मोड़कर गांव के बाहर पोखर या दूसरे स्थान पर छोड़ा जाएगा। इसके लिए प्रत्येक अमृत सरोवर की अलग से कार्ययोजना तैयार की जा रही है। अमृत सरोवर किनारे भ्रमण को जाने वाले लोगों को गंदे पानी की बदबू नहीं झेलनी होगी।

जिले में 150 अमृत सरोवर विकसित किए जाने हैं। इसमें से शासन की ओर से 75 अमृत सरोवरों का लक्ष्य दिया गया है। इतने ही तालाबों को अमृत सरोवरों में तब्दील करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने अपना लक्ष्य निर्धारित किया है। इन अमृत सरोवरों को पर्यटन स्थलों के रूप में भी विकसित किया जाएगा। ऐसे में इन अमृत सरोवरों में सिर्फ बारिश का पानी ही सहेजा जाएगा। गंदे पानी को एकत्रित नहीं होने दिया जाएगा।

इसके लिए अमृत सरोवर विकसित करने वाली संस्थाओं को अमृत योजना के तहत चयनित किए गए तालाबों के विकास की योजना के साथ ही गंदे पानी की कार्ययोजना तैयार करने के लिए कहा गया है। गांव की उन नालियों को चिह्नित किया जा रहा है, जिनका गंदा पानी अमृत सरोवर के लिए चयनित तालाब में जाता है।

तालाबों की खोदाई के साथ ही गंदे पानी की निकासी के लिए वैकल्पिक नालियों का भी निर्माण कराया जाएगा। बारिश के पानी को एकत्रित करने के लिए अमृत सरोवर तक दूसरी नालियां बनाई जाएंगी, जिनमें सिर्फ ऊंचाई वाले क्षेत्रों से आने वाला बारिश का पानी ही आ सके।

मुख्य विकास अधिकारी ए. मनिकंडन का कहना है कि अमृत सरोवरों में गंदे पानी जाने से रोकने के लिए बंदोबस्त किए जाएंगे। बता दें कि जिले में 38 तालाबों को अमृत सरोवर में तब्दील करने का काम शुरू हो चुका है। पहले चरण में तालाबों की सफाई कराई जा रही है। खोदाई के बाद विकास कार्य शुरू कराए जाएंगे।

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