गांवों की चौपाल में पुलिस की साइबर पाठशाला, जानिए क्या हुआ

साइबर क्राइम से बचने को गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को कर रही जागरूक ठगी के शिकार होने वालों में ग्रामीण इलाकों की बढ़ रही संख्या

By JagranEdited By: Publish:Tue, 01 Oct 2019 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 03 Oct 2019 06:19 AM (IST)
गांवों की चौपाल में पुलिस की साइबर पाठशाला, जानिए क्या हुआ
गांवों की चौपाल में पुलिस की साइबर पाठशाला, जानिए क्या हुआ

आगरा, जागरण संवाददाता। ग्रामीणों के साथ साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर पुलिस अब गांव-गांव चौपाल लगा रही है। ग्रामीणों को साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूक कर रही है।

साइबर शातिरों की ठगी का शिकार होने वाले वालों में शहरी लोगों की संख्या अधिक रही है। पुलिस साइबर सेल के पास इस वर्ष विभिन्न प्रकार के साइबर क्राइम के 170 से ज्यादा मामले आए। इसमें ग्रामीण इलाकों में ठगी के शिकार होने वालों का आंकड़ा पहले की अपेक्षा अधिक है। इसके चलते एसएसपी बबलू कुमार ने गांवों में चौपाल लगाकर साइबर सेल द्वारा लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू किया।

पुलिस साइबर विशेषज्ञों की टीम द्वारा 27 सितंबर को बसई अरेला से चौपाल का सिलसिला शुरू किया गया। इसमें ग्रामीणों को बुलाकर उन्हें साइबर क्राइम का शिकार होने से बचने के टिप्स दिए जाते हैं। अब तक पिनाहट और फतेहाबाद ब्लॉक के मानिकपुरा, शाहवेद, वाजिदपुरा समेत दस गांवों में चौपाल लगाई जा चुकी है। साइबर क्राइम में सामने आया है 22 गांवों का नाम

साइबर क्राइम के मामले में पिछले दिनों बाह और पिनाहट ब्लॉक के 22 गांवों का नाम सामने आया है। इन गांवों के सैकड़ों युवाओं के साइबर क्राइम में लिप्त होने की जानकारी सामने आई। जैतपुर में हैलो गैंग के गढ़ में आइजी रेंज ए.सतीश गणेश ने 17 सितंबर को ग्रामीणों के साथ बैठक की थी। इसमें ग्रामीणों को सुधरने की अंतिम चेतावनी दी थी। चौपाल पर चर्चा में इन बातों की टिप्स

-किसी भी फर्जी फोन कॉल, मैसेज, वाट्सएप, ईमेल या किसी माध्यम से प्राप्त ऑनलाइन फार्म के लिंक पर क्लिक नहीं करें। ना ही कोई जानकारी साझा करें।

-फर्जी लॉटरी, मोबाइल टॉवर, शादी का झांसा, एटीएम ब्लॉक, जॉब लगवाना, सस्ते लोन, चिट फंड आदि के बारे में कोई भी कॉल या विज्ञापन पर भरोसा नहीं करें। ना ही किसी के खाते या वॉलेट में रुपये जमा कराएं।

-ओएलएक्स पर कुछ भी बेचने या खरीदने में सावधानी बरतें। किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। रुपये प्राप्त करने के लिए किसी लिंक को क्लिक नहीं करना होता है। सामान प्राप्त होने पर ही भुगतान करें।

-मोबाइल पर आए किसी भी प्रकार के ओटीपी को किसी अनजान व्यक्ति को फोन या अन्य किसी माध्यम से न दें।

-अपने मोबाइल को हमेशा लॉक से सुरक्षित रखें।

-एटीएम मशीन से निकासी, स्वैप, करके खरीददारी अपने सामने ही करें। गोपनीय पिन को हाथ से छिपाकर डालें। किसी अनजान की सहायता न लें।

-यूपीआइ-बैंक और एप-गूगल पे, फोनपे, आदि के द्वारा रुपयों के लेनदेन की सुविधा दी गई है। जिसमें एक विशेष सुविधा भी दी गई है जो कि रिक्वेस्ट मनी के नाम से जानी जाती है। जिसका कार्य उधार रुपये लेने के लिए किया जाता है। इसलिए लिंक पर पे, कैंसिल, लैटर पर भी ध्यान से क्लिक करें।

-किसी भी साइबर अपराध संबंधी घटना होने पर तत्काल अपने बैंक, वॉलेट या अन्य संबंधित के कस्टमर केयर (असली वेबसाइट से ही प्राप्त करें न कि गूगल के द्वारा प्राप्त) के नंबर पर कॉल करें तथा नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल से संपर्क करें।

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