पति करवाता था दोस्‍तों से दुष्‍कर्म, पुलिस ने दाखिल की सिर्फ दहेज उत्‍पीड़न में चार्जशीट

पति बनाता था दोस्तों से संबंध बनाने का दबाव पति के सामने हुआ था दुष्कर्म। पुलिस ने बताया दहेज उत्पीडऩ सास ससुर पति देवर के खिलाफ लगाई चार्जशीट।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Fri, 24 May 2019 06:02 PM (IST) Updated:Fri, 24 May 2019 08:12 PM (IST)
पति करवाता था दोस्‍तों से दुष्‍कर्म, पुलिस ने दाखिल की सिर्फ दहेज उत्‍पीड़न में चार्जशीट
पति करवाता था दोस्‍तों से दुष्‍कर्म, पुलिस ने दाखिल की सिर्फ दहेज उत्‍पीड़न में चार्जशीट

आगरा, जेएनएन। दुष्कर्म की कार्रवाई से बचने के लिए आरोपितों ने पीडि़त युवती का विवाह अपने दोस्त के साथ करा दिया। बाद में पति ने पत्नी को दोस्तों के साथ सोने को मजबूर कर दिया। दहेज के लिए उत्पीडऩ भी किया गया। बाद में रास्ते में छोड़कर फरार हो गए। पहले तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी की। रिपोर्ट दर्ज हो गई तो घटना से दुष्कर्म की धारा व दुष्कर्म के आरोपितों का नाम निकाल दिया।

मैनपुरी कोतवाली क्षेत्र की निवासी पीडि़त युवती के अनुसार 12 अक्टूबर 2018 को आगरा गई थी। लौटते समय बस का इंतजार कर रही थी, तभी सौरभ निवासी लोधीपुर मैनपुरी व शिवप्रताप निवासी शिकोहाबाद अपनी कार लेकर वहां पहुंच गए। दोनों ने शिकोहाबाद छोडऩे की बात कहकर उसे कार में बिठा लिया। रास्ते में नाश्ता करने के बहाने उसे नशीला पदार्थ खिलाकर दोनों ने दुष्कर्म किया। पीडि़ता ने घर आकर परिजनों को सारी जानकारी दी।

कार्रवाई से बचने के लिए सौरभ व शिवप्रताप कुछ लोगों के साथ उसके घर आए। समझौते की बात करने लगे। दोनों ने अपने दोस्त मनोज के साथ शादी कराने की बात कही। पीडि़त युवती ने मजबूरन शादी के लिए हां कर दी। 19 नवंबर 2018 को मनोज के साथ उसका विवाह करा दिया गया। घुमाने के बहाने मनोज उसे आगरा ले गया। जहां एक होटल में अपने दोस्त सौरभ के साथ मजबूर किया। विरोध करने पर दोनों ने अचेत कर दुष्कर्म व अप्राकृतिक कृत्य किया। तीन दिसंबर 2018 को मनोज उसे अपने दोस्तों के सुपुर्द कर चला आया। उसने आगरा के थाना एत्माददौला में विवाहिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। पांच दिसंबर को मनोज के दोस्तों ने विवाहिता को मुक्त कर दिया। पीडि़ता ने घटना की जानकारी पिता को दी।

मामले को लेकर फिर से पंचायत हुई तो ससुराली जन पीडि़ता की विदा करा ले गए, लेकिन अगले ही दिन दहेज की मांग करते हुए मारपीट शुरू कर दी। देवर व ननदोई व अन्य आरोपित पीडि़ता को एक गाड़ी में बिठाकर बुझिया पुल पर लाए। जहां जान से मारने की कोशिश की, तभी एक बस आ गई। बस को देखकर आरोपित फरार हो गए। पीडि़ता रिपोर्ट लिखाने के लिए थाने पहुंचे। बमुश्किल पुलिस ने 24 फरवरी 2019 को रिपोर्ट दर्ज की।

घटना की जांच महिला उपनिरीक्षक को सौंपी गई। पीडि़त युवती का बयान कोर्ट में दर्ज कराया गया। दूसरी ओर आरोपितों ने कार्रवाई से बचने के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली। उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली। उच्च न्यायालय ने आरोपितों को कोर्ट में आत्मसमर्पण का निर्देश दिया, लेकिन आरोपितों ने समर्पण नहीं किया। दूसरी ओर पुलिस ने अपनी जांच में आगे बढ़ाई तो घटना से दुष्कर्म, अप्राकृतिक कृत्य व छेडख़ानी की धाराओं को हटा दिया। आरोपित सौरभ, शिवप्रताप सहित चार को क्लीनचिट दे दी। घटना को सिर्फ दहेज उत्पीडऩ का मामला बताते हुए पति, देवर, सास व ससुर के खिलाफ चार्जशीट तैयार की है। पुलिस की कार्रवाई से पीडि़ता हैरान है। उसने पुलिस पर जांच में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए मामले को आला अधिकारियों के सामने ले जाने की बात कही है। इंस्पेक्टर कोतवाली चतर सिंह ने बताया कि घटना की जांच साक्ष्य के आधार पर की गई है।

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