Yamuna Expressway पर अब भी 125 की रफ्तार से दौड़ रही बसें, ऐसे फेल होता है स्पीड गवर्नर Agra News
यमुना एक्सप्रेस वे के कंट्रोल रूम में हुई रिकार्ड। मौके पर कार्रवाई करने न पुलिस पहुंची और न ही आरटीओ।
आगरा, यशपाल चौहान। यमुना एक्सप्रेस वे पर तेज रफ्तार बस हादसे का शिकार हुई। चालक की जानलेवा लापरवाही से 29 लोगों की जान गई। इस भीषण हादसे से भी न तो बस चालकों ने सबक लिया और न ही अंकुश लगाने को जिम्मेदार विभागों ने। हादसे के बाद के 24 घंटे में 90 बसों ने ओवरस्पीडिंग की। इनमें से कई 125 की रफ्तार से एक्सप्रेस वे पर चलती हुई रिकार्ड हुईं।
यमुना एक्सप्रेस वे पर एत्मादपुर क्षेत्र में चौगान गांव के पास सोमवार तड़के रोडवेज बस 35 फीट नीचे झरना नाले में गिरी थी। भीषण हादसे के बाद भी यमुना एक्सप्रेस वे पर बसों की रफ्तार तेज ही रही। हादसे के बाद के 24 घंटे में एक्सप्रेस वे से गुजरे वाहनों का रिकार्ड चौंकाने वाला है। इस दौरान कुल पांच हजार वाहन एक्सप्रेस वे से गुजरे। इनमें से 190 भारी वाहन थे और 90 बसें। अधिकतर बसों की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे से अधिक थी। कुछ बसें तो 125 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से एक्सप्रेस वे पर दौड़ रही थीं। जबकि इनके लिए एक्सप्रेस वे पर निर्धारित गति सीमा 60 है। यह हाल तब है जब बसों में स्पीड गवर्नर लगे हुए हैं। भीषण हादसा होने के बाद भी न तो पुलिस वहां ओवरस्पीडिंग पर कार्रवाई करने पहुंची और न ही आरटीओ। ओवरस्पीडिंग कर रही एक एसी रोडवेज बस को एक्सप्रेस वे के अधिकारियों ने खंदौली टोल प्लाजा पर रोक लिया। चालक को उतारा गया तो वह माफी मांगने लगा। टोल प्लाजा से आरटीओ और पुलिस को सूचना दी गई। मगर, स्पॉट पर चालान करने कोई नहीं पहुंचा। उसका ई चालान करने की कह दी।
कैसे फेल हो रहा स्पीड गवर्नर?
वर्ष 2015 में रोडवेज बसों में स्पीड गवर्नर लगाने के आदेश हुए थे। तब से नई एसी बसों में स्पीड गवर्नर लगे हुए आ रहे हैं। जबकि पुरानी बसों में स्पीड गर्वनर लगाए जा रहे हैं। इसके लगे होने के बाद बस की गति सीमा 80 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं हो सकती। मगर, एक्सप्रेस वे पर बसें 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही हैं। ऐसा कैसे हो रहा है यह बड़ा सवाल है?
नहीं होते चालान
यमुना एक्सप्रेस वे के कंट्रोल रूम में ओवरस्पीडिंग करने वाले वाहनों की नियमित मॉनीटरिंग की जाती है। यहां से आरटीओ और एसपी ट्रैफिक को वाहनों की फोटो और रिकार्ड के साथ डाटा चालान के लिए भेजा जाता है। मगर, दोनों स्तर पर चालान की कोई व्यवस्था नहीं है। अब हादसे के बाद अधिकारी कह रहे हैं कि ई चालान किए जा रहे हैं।
एक दिन में 28 वाहनों का चालान
यमुना एक्सप्रेस वे पर ओवरस्पीडिंग कर रहे वाहनों का डाटा भेजा जाता है। इसी के आधार पर उन पर कार्रवाई की जाती है। मंगलवार को 28 वाहनों के ई चालान किए गए।
अनिल कुमार, आरटीओ प्रवर्तन
पुरानी बसों में लगाए जा रहे स्पीड गवर्नर
अक्टूबर 2015 के बाद की बसों में कंपनी स्पीड गवर्नर लगाकर दे रही हैं। इसकी गतिसीमा 80 किमी प्रति घंटा है। वीटीएस लगा है। इससे ऊपर जाने पर ऑनलाइन दिखा देता है। पुरानी बसों में स्पीड गवर्नर लगाए जा रहे हैं। टीम लगी हैं। फिटनेस तभी होगा। पैडल के नीचे खूंटी लगा दी हैं। इससे नीचे स्पीड नहीं जाती है।
एसपी सिंह, सेवा प्रबंधक
डाटा भेजा गया ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ को
मैंने हादसे के बाद के 24 घंटे का स्पीड का रिकार्ड कंट्रोल रूम में चेक तो उसमें बसें 125 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलती नजर आईं। सभी बसों का डाटा कार्रवाई को ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ को भेज दिया गया है।
मेजर मनीष सिंह, इंचार्ज कॉरीडोर कंट्रोल, यमुना एक्सप्रेस वे