सूरत से कुछ तो सबक ले आगरा, कहीं जिंदगी पर भारी न पड़ जाए ये अनदेखी

आग से सुरक्षा मानकों को नजरंदाज कर शहर में चल रहीं दर्जनों कोचिंग। अग्निकांड होने पर इमारतों से सुरक्षित निकलने के नहीं है इंतजाम।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Sat, 25 May 2019 04:33 PM (IST) Updated:Sat, 25 May 2019 04:33 PM (IST)
सूरत से कुछ तो सबक ले आगरा, कहीं जिंदगी पर भारी न पड़ जाए ये अनदेखी
सूरत से कुछ तो सबक ले आगरा, कहीं जिंदगी पर भारी न पड़ जाए ये अनदेखी

आगरा, जागरण संवाददाता। इमारतों में अग्निशमन नियमों की अनदेखी कहीं जिंदगी पर भारी न पड़ जाए। सूरत में चार मंजिला इमारत में संचालित कोचिंग में शुक्रवार को लगी आग में 18 बच्चों की दर्दनाक मौत ने यहां भी सवाल खड़ा कर दिया है। ये सवाल यूं ही नहीं, आग से सुरक्षा के मानकों को पूरा नहीं करने पर शहर की तीन दर्जन से अधिक इमारतों को नोटिस दिया जा चुका है। इनमें होटल, रेस्टोरेंट से लेकर व्यवसायिक केंद्र तक शामिल हैं।

शहर के व्यस्त और पॉश इलाकों में दर्जनों कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। छात्रों के आवागमन की सुविधा के चलते यह उन इमारतों में खोले गए हैं जो मुख्य सड़कों से लगी हुई हैं, वहां तक वाहनों का आवागमन हरदम रहता है। कई कोचिंग सेंटर इमारतों की दूसरी या तीसरी मंजिल पर हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसी कोचिंग हैं, जिनमें अग्निकांड की स्थिति में सुरक्षित बाहर निकलने का वैकल्पिक रास्ता नहीं है। इससे आग लगने की स्थिति में वहां बड़ा हादसा हो सकता है।

इन कोचिंग में हजारों छात्र सुबह से शाम तक शिफ्ट में पढ़ते हैं। सूरत में इमारत की चौथी मंजिल पर शार्ट सर्किट से आग लगी। वहां लगे प्लास्टिक शेड और कबाड़ के आग पकडऩे पर लपटें पूरी इमारत में फैलीं। ताजनगरी में भी कई इमारतों की छतों पर प्लास्टिक शेड लगे हैं, वहां कबाड़ रखा रहता है। इसके चलते आग से हादसा होने की आशंका हमेशा बनी रहती है।

रूफ टॉप पार्टियों पर भी आग का खतरा

आग का खतरा सबसे ज्यादा रूफ टॉप पार्टियां आयोजित करने वाले होटलों एवं रेस्टोरेंट में भी है। शहर में एक साल से इन पार्टियों का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। अधिकांश होटलों में छत पर आने-जाने वालों के लिए सिर्फ एक ही रास्ता है। जिस तेजी से इस तरह की पार्टियों के आयोजन की संख्या बढ़ रही है, उसी तेजी से खतरा भी बढ़ रहा है। इन होटलों में आग लगने की स्थिति में वहां से निकलने के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं होने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। कई होटल ने रूफ टॉप बीयर बार का लाइसेंस भी ले रखा है।

शहर में ये हैं कोचिंग के गढ़

कमला नगर, भगवान टॉकीज चौराहा, खंदारी, देव नगर, दयालबाग मार्ग, संजय प्लेस, शास्त्रीपुरम, शहीद नगर, राजपुर चुंगी।

अग्निकांड में गई थी 42 लोगों की जान

छत्ता के जीवनी मंडी स्थित जोंस मिल में जूता फैक्ट्री में वर्ष 2002 में भीषण आग लगी थी। फैक्ट्री से बाहर निकलने का एक ही रास्ता होने के चलते श्रमिक उसमें फंस गए थे। भीषण अग्निकांड में 42 मजदूरों की जलकर मौत हो गई थी।

दिए गए हैं नोटिस

अग्निशमन सुरक्षा मानकों को लेकर तीन दर्जन से अधिक बहुमंजिली इमारतों को नोटिस दिया गया है।

अक्षय रंजन शर्मा

मुख्य अग्निशमन अधिकारी 

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