यूं ही नहीं फरार हो लिए थे राजकीय संप्रेक्षण गृह से बच्चे, पकड़ में आईं खामियांं
डीएम ने शासन में डीपीओ के खिलाफ कार्रवाई को लिखा पत्र। सीडीओ की निगरानी में दो सदस्यीय कमेटी गठित।
आगरा, जागरण संवाददाता। सिरौली मलपुरा स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) से पांच किशोर यूं ही नहीं फरार हो लिए। उन्होंने व्यवस्थाओं की खामियों का फायदा उठाया। इन्हीं खामियों को लेकर कई अफसरों पर कार्रवाई तय है। प्रारंभिक जांच में मिली खमियों में जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) लवकुश भार्गव फंस गए हैं। डीएम एनजी रवि कुमार ने डीपीओ के खिलाफ शासन में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। निगरानी के लिए सीडीओ जे. रीभा और एसीएम तृतीय की दो सदस्यीय कमेटी गठित की गई है।
राजकीय संप्रेक्षण गृह से नौ दिसंबर को पांच किशोर फरार हो गए थे। हालांकि इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। घटना के बाद राज्य बाल आयोग के सदस्य डॉ. साक्षी बैजल ने संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में मुख्य दीवार अधिक ऊंची न होने, बिल्डिंग की निर्माण गुणवत्ता खराब होने, मुख्य गेट का डिजाइन सही नहीं होने सहित अन्य की रिपोर्ट दी थी। डीएम ने मामले की प्रारंभिक जांच कराई जिसमें पाया गया कि डीपीओ लवकुश भार्गव द्वारा हद दर्जे की लापरवाही बरती गई। गृह में जो भी खामियां थीं। समय रहते उन्हें दूर नहीं कराया गया। डीएम एनजी रवि कुमार ने बताया कि डीपीओ के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति शासन में की गई है। मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की गई है।