UP Board 2021: आगरा में आपत्तियों पर चटके नौ वित्तविहीन विद्यालयों के विकेट, ये हैं काली सूची में शामिल

UP Board 2021 जिला समिति ने किया परीक्षा केंद्र सूची से बाहर। मानक अधूर होने पर लिया गया निर्णय दो राजकीय विद्यालय जोड़। अपर मुख्य सचिव ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षक के साथ आनलाइन बैठक कर निर्देश दिए थे।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 08:11 AM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 08:11 AM (IST)
UP Board 2021: आगरा में आपत्तियों पर चटके नौ वित्तविहीन विद्यालयों के विकेट, ये हैं काली सूची में शामिल
जिला समिति ने किया नौ विद्यालयों को परीक्षा केंद्र सूची से बाहर।

आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिटए परीक्षा में राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों को प्राथमिकता के आधार पर केंद्र बनाने के निर्देश अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने दिए हैं। इसके बाद आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद जिला समिति ने सूची से मानक पूरे न करने वाले नौ विद्यालयों के नाम सूची से हटा दिए हैं। जबकि दो राजकीय इंटर कालेजों के नाम जोड़ने के बाद केंद्र संख्या 156 हो गई है।

मंगलवार को सुबह अपर मुख्य सचिव ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षक के साथ आनलाइन बैठक कर निर्देश दिए थे कि मानक पूरे होने पर राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों को बोर्ड परीक्षा केंद्र नहीं बनाने की शिकायत मिली, तो संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षक और परीक्षा सहायक जिम्मेदार होंगे। उन पर गाज गिरना तय है। इसका असर शाम को ही नजर आया। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला समिति की बैठक हुई, जिसमें मानक पूरा न करने की शिकायतों व आपत्तियों का निस्तारण करते हुए समिति ने नौ वित्तविहीन विद्यालयों को केंद्र सूची से हटाने की संस्तुति की, जिस पर जिलाधिकारी ने मुहर लगा दी।

घट गई केंद्र संख्या

नौ वित्तविहीन विद्यालयों के नाम सूची से हटाने और दो राजकीय इंटर कालेजों पं. दीनदयाल माडल इंटर कालेज मिढ़ाकुर और राजकीय कन्या इंटर कालेज कलाल खेरिया का नाम सूची में शामिल कर दिया गया है, जिस कारण बोर्ड द्वारा निर्धारित 163 केंद्रों की संख्या अब घटकर 156 हो गई है।

पूरे करेंगे मानक

कई राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों ने संसाधनों की कमी बताते हुए खुद को केंद्र न बनाने की मांग की थी। इस पर समिति ने उन्हें संसाधन उपलब्ध कराए हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि शासन की मंशा सरकारी मशीनरी का प्रयोग करते हुए नकल विहीन परीक्षा कराने की है। इसलिए कमियों को दूर किया जाएगा। लेकिन सूची में शामिल किसी भी राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालय का नाम नहीं हटाया जाएगा। 

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