बंदरों के उत्पाद ने गिरा दी फतेहपुर सीकरी की गुंबद

पर्यटकों में मची रही अफरा-तफरी। बीते दिनों तूफान में भी क्षतिग्रस्त हुआ था फतेहपुर सीकरी स्मारक। संरक्षण के लिए नहीं मिल रहा बजट।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 21 Jul 2018 04:30 PM (IST) Updated:Sat, 21 Jul 2018 04:30 PM (IST)
बंदरों के उत्पाद ने गिरा दी फतेहपुर सीकरी की गुंबद
बंदरों के उत्पाद ने गिरा दी फतेहपुर सीकरी की गुंबद

आगरा(जागरण संवाददाता): विश्व धरोहर स्मारकों में बंदरों का उत्पात आये दिन बढ़ता ही जा रहा है। कभी विदेशी पर्यटक शिकार बनते हैं तो कभी स्थानीय। इस बार बंदरों ने एतिहासिक स्मारक फतेहपुर सीकरी को ही क्षति पहुंचा दी है।

विश्व धरोहरों में शुमार फतेहपुर सीकरी में शुक्रवार को जोधाबाई पैलेस में समर हाउस की बुर्जी का गुंबद अचानक छज्जे पर आ गिरा। गुंबद के साथ मे छज्जा भी टूटकर जमीन पर गिरने से स्मारक में भ्रमण कर रहे देसी-विदेशी पर्यटकों में अफरा-तफरी मच गई। स्मारक में हुई क्षति बंदरो के उत्पात से बताई गई है।

शहंशाह अकबर द्वारा स्थापित मुगलिया सल्तनत की तामीर के रूप में विश्व धरोहर स्मारक में जोधाबाई पैलेस में ग्रीष्म व शीतकालीन भवन अलग-अलग स्थित है। शुक्रवार को हुआ हादसा जोधाबाई पैलेस से निकलकर बीरबल महल को जाने वाले मार्ग के साइड में स्थित समर पैलेस की तरफ हुआ। यहां बुर्जी का गुंबद टूटकर पहले छज्जे पर गिरा, जिससे छज्जा भी टूटकर जमीन पर आ गिरा।

सरंक्षक सहायक कलंदर बिन्द के अनुसार बंदरों के उत्पात से समर हाउस की बुर्जी का पिनेकिल (गुंबद) टूटा है। बता दें कि बंदरों के उत्पाद पर अंकुश लगाने के लिए अभी तक एएसआई द्वारा कोई योजना तैयार नहीं की गई है।

तूफान में भी क्षतिग्रस्त हुआ था स्मारक:

इसी वर्ष 11 अप्रैल व दो मई को आये तेज तूफानी अंधड, वर्षा व ओला वृष्टि से दरगाह परिसर के अंदर नबाब इस्लाम खा का गुंबद का प्लास्टर गिरा था वहीं बादशाही द्वार के पीछे बुर्जी का गुंबद व छज्जा भी क्षतिग्रस्त हुआ था। जीर्णोद्धार को लेकर पुरातत्व विभाग को लिखा जा चुका है, लेकिन बजट नहीं आने से लगातार इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।

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