विदेशी प¨रदों को खूब भाता है ताजनगरी का आंगन, कीठम में कलरव
पानी में अठखेलियों को हर साल बढ़े विदेशी प¨रदे, फ्लेमिंगों व पेलिकन को भी खूब भाया वेटलैंड
आगरा, विनीत मिश्र। मुहब्बत की नगरी की ये आबोहवा ही है कि इसके आकर्षण में सात समंदर पार से प¨रदे भी उड़े चले आते हैं। कीठम झील हो या चंबल सफारी, यहां पर विदेशी मेहमानों की संख्या पिछले वर्षो में लगातार बढ़ती रही है। इनकी अठखेलियां पर्यटको को मोहपाश में बांधे रखती हैं।
403.09 हेक्टेयर दायरे में फैले कीठम पक्षी विहार में पांच दशक से विदेशी पक्षी आ रहे हैं। हर साल इनकी बढ़ती तादाद देख वर्ष 1991 में इसे पक्षी विहार घोषित किया गया। हर साल दिसंबर में सर्दी की दस्तक के साथ ही यूरोपीय देशों से विदेशी पक्षियों की आमद शुरू हो जाती है। मार्च तक ये विशालकाय सरोवर मेहमानों की अठखेलियों से गुलजार रहता है। बाह क्षेत्र में चंबल सेंचुरी भी विदेशी प¨रदों के कलरव से चहकती रहती है। पेलिकन व फ्लेमिंगो को रास आता है ये माहौल
आगरा का माहौल साइबेरिया से आने वाले फ्लेमिंगो और पेलिकन पक्षियों को खूब रास आ रहा है। बीते वर्ष इन पक्षियों की संख्या करीब दो सौ थी, लेकिन इस साल ये आंकड़ा चार सौ पार हो गया। सबसे ऊंचाई पर उड़ने वाले बार हेडेड गूज, पिंगटिल, कॉमनक्रेम आदि भी बड़ी संख्या में आए हैं। घड़ियाल व मगरमच्छ देखने को उतावले पर्यटक
सातवें दशक में घड़ियाल और मगरमच्छ लुप्त हो रहे थे। इन्हें संरक्षित करने को वर्ष 1979 में सरकार ने चंबल में योजना शुरू की। 5400 वर्ग किमी में फैले क्षेत्रफल में उप्र के साथ ही राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा भी शामिल हैं। वर्ष 2008 में 100 से अधिक घड़ियाल की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रजनन का काम तेजी से शुरू हुआ। अब इनकी संख्या काफी बढ़ गई है। वर्ष घड़ियाल मगरमच्छ
2013 905 356
2014 948 390
2015 1088 402
2016 1162 462
2017 1255 562
2018 1687 611 कीठम में आने वाले प¨रदों की संख्या
वर्ष संख्या
2017 6000
2018 7000
2019 10000 मेहमान प¨रदों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ये सुखद है। कीठम से लेकर चंबल वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में लगातार संख्या बढ़ने से पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है।
आनंद कुमार , उप वन संरक्षक, वाइल्ड लाइफ। कीठम में बर्ड फेस्टिवल आज
शनिवार को अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड डे पर वन्य जीव विभाग ने कीठम स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार में बर्ड फेस्टिवल कराएगा। सुबह नेचरवॉक के साथ ही स्कूली बच्चे यहां पक्षियों को देखेंगे। पक्षियों से जुड़ी फोटो प्रदर्शनी भी लगेगी। स्कूल के बच्चे वेटलैंड से संबंधित पेंटिंग भी बनाएंगे। इसके लिए उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।