RLD ने उठाई किसानों के हक की आवाज, कहा Lockdown में किसानों के आर्थिक Lock खोले सरकार
पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर ने की किसानों को विशेष आर्थिक पैकेज की मांग। बोलेे महामारी में अन्न की कमी नहीं होने दे रहा किसान तो सरकार भी न होने दे धन की कमी।
आगरा, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय लोक दल के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर, पूर्व मंडल अध्यक्ष नरेंद्र बघेल और चौधरी दिलीप सिंह ने संयुक्त बयान में कहा है कि लॉकडाऊन में सबसे ज्यादा नुकसान देश के किसान वर्ग का हुआ है इसलिए केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग है कि वह किसानों को विशेष आर्थिक पैकेज जारी कर किसान की मदद को आगे आए।
रालोद नेताओं ने कहा है कि लगभग एक माह के लॉकडाउन के दौरान किसान देश की अर्थव्यवस्था के साथ मजबूती से खड़ा रहा है और यही कारण है कि देश के पास जरूरत से कई गुना ज्यादा अनाज का भंडारण है। रालोद नेताओं ने कहा है कि किसान के दूध, सब्जी, फलोंं को कोई लेने वाला नही है। गेहूं और सरसों को मंडियों में बहुत कम कीमत पर व्यापारी पूल बनाकर खरीदारी रहे हैं। गेहूं को 1700 रू से 1800 रुपए प्रति कुंतल और सरसों को अधिकतम 3500 रुपए प्रति कुंतल खरीदा जा रहा है इस तरह किसान को गेहूं पर 225 रुपए और सरसों पर 925 रुपए प्रति कुंतल का नुकसान हो रहा है। सरकार को चाहिए कि वह शीघ्र हस्तक्षेप कर गेहूं व सरसों की सरकारी खरीद के पुख्ता इंतजाम करे। और किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 250 से 500 रुपए प्रति कुंतल तक का बोनस प्रदान करे। रालोद नेताओं ने कहा है कि लॉक डाउन के दौरान एक ओर जहां शहरों ने दिहाड़ी मजदूरों को तीन- चार दिन के बाद ही नकार दिया था वहींं गांव और किसान ने उन्हें अंगीकार कर रोजगार प्रदान किया। सरकार से मांग है कि गांव में निवास कर रहे और शहर से जाकर रह रहे दिहाड़ी मजदूरों को किसान के कृषि कार्यों में मनरेगा के तहत रोजगार दे। इसका लाभ यह होगा कि दिहाड़ी मजदूर को मजदूरी मिलेगी। वहीं किसान को सीधा सीधा लाभ होगा क्योंकि वर्तमान हालात को देखते हुए लाॅकडाउन का अभी हाल फिलहाल हटाया जाना संभव नहीं है।
रालोद नेताओं ने ये उठाई मांग
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान राशि 6000 रुपए से बढ़ाकर 24000 रुपए की जाए।
- पोटाश व डीएपी पर 25 फ़ीसदी की छूट प्रदान हो।
- किसानों को कृषि कार्य हेतु डीजल पर 10 रुपए प्रति लीटर की सब्सिडी प्रदान की जाए।
- किसानों और व्यापारियों को कहीं भी फसलों की खरीद बिक्री की अनुमति दी जाए।
- कृषि यंत्रों, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग व खाद पर जीएसटी समाप्त हो।
- किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा दोगुनी और ब्याज दर एक फ़ीसदी की जाए।
- किसानों के सभी कर्ज और किस्तों की अदायगी एक साल के लिए टाल दी जाए।