पांच दिन तक आश्वासन की घुट्टी देती रही एत्मादपुर पुलिस
पांच दिन तक आश्वासन की घुट्टी देती रही एत्मादपुर पुलिस मामला उचाधिकारियों तक न पहुंचे इसलिए मुकदमा भी तत्काल लिखा लेकिन गिरफ्तारी नहीं की पुलिस संवेदनशील होती तो पहले ही गिरफ्तार कर लिए जाते आरोपित
जागरण टीम, आगरा। पांच दिन तक एत्मादपुर पुलिस पीड़ित पक्ष को भरोसा तो देती रही लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं की। यही वजह रही कि रविवार को किशोरी की खुदकुशी के बाद भी कोई आरोपित गिरफ्तार नहीं हो सका। यदि पुलिस इस केस को लेकर संवेदनशील होती तो चारों आरोपित पहले ही गिरफ्तार किए जा सकते थे। अब पुलिस की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं।
किशोरी के पिता का कहना है कि उन्होंने घटना की जानकारी होने पर 19 मई को थाना एत्मादपुर में विशाल, उसके पिता राजू, मां प्रीति व चचेरा भाई सूरज सभी निवासीगण एत्मादपुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। तब पुलिस ने तत्काल एफआइआर दर्ज कर ली। ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि पीड़ित उच्चाधिकारियों तक न पहुंच जाए। मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी न हुई तो किशोरी के पिता थाने पर चक्कर लगाते रहे। हर बार उन्हें कार्रवाई के आश्वासन की घुट्टी पिलाकर लौटाया जाता रहा। पीड़ित पिता का कहना है कि यदि पुलिस समय से कार्रवाई करती तो उनकी बेटी जिंदा होती। पुलिस ने इन धाराओं में लिखा मुकदमा
किशोरी के साथ हुई घटना के बाद एत्मादपुर पुलिस ने कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। इनमें आइपीसी की धारा 354 (स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला करना), 452 (बिना अनुमति घर में घुसना), 500 (मानहानि), 504 (गालीगलौज), 506 (धमकी देना), 325 (गंभीर चोट पहुंचाना), पाक्सो एक्ट, आइटी एक्ट व एससीएसटी एक्ट की धाराएं शामिल हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद फर्जी फेसबुक आइडी को बंद करा दिया गया था। आरोपितों की तलाश में कई बार दबिश दी गई लेकिन उनका पता नहीं चला। उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अर्चना सिंह, सीओ एत्मादपुर