Save Ponds of Agra: आगरा में हो रहा तालाबों का संरक्षण, जानिये किस ब्लाक के सबसे अधिक तालाब संरक्षित किए जा रहे

Save Ponds of Agra महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत आगरा जिले में 763 तालाब संरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 702 तालाबों पर काम भी शुरू हो गया है। मानसून के बाद पानी की किल्लत से बचाने का प्रयास।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 12:28 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 12:28 PM (IST)
Save Ponds of Agra: आगरा में हो रहा तालाबों का संरक्षण, जानिये किस ब्लाक के सबसे अधिक तालाब संरक्षित किए जा रहे
बारिश के बाद पानी की किल्लत रोकने के लिए संरक्षित किये जा रहे तालाब।

आगरा, जागरण संवाददाता। अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी कम ही तालाब नजर आते हैं।कई गांव तो ऐसे हैं, जहां अभी भी तालाब नहीं हैं। अधिकांश तालाब साफ-सफाई के अभाव में खत्म हो चुके हैं। कुछ हैं भी तो वह इतने समतल हो चुके हैं कि उनमें पानी ही नहीं ठहरता। बारिश का पूरा पानी नाले-नालियों में बह जाता है। आगरा में ऐसे ही 763 तालाबों का संरक्षण किया जा रहा है। इनकी साफ-सफाई और खुदाई कराकर फिर से तैयार किया जा रहा है। जिले में सबसे अधिक तालाब फतेहाबाद ब्लाक में संरक्षित किए जा रहे हैं।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत जिले में 763 तालाब संरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 702 तालाबों पर काम भी शुरू हो गया है। ब्लाक फतेहाबाद के 140, अछनेरा में 40, अकोला में 30, बाह में 59, बरौली अहीर में 32, बिचपुरी में 18, एत्मादपुर में 47, फतेहपुर सीकरी में 51, जगनेर में 35, जैतपुर कलां में 57, खंदौली में 46, खेरागढ़ में 50, पिनाहट में 72, सैंया में 42 और शमसाबाद में 44 तालाबों संरक्षित किए जा रहे हैं। कोशिश की जा रही है कि गांव-गांव बारिश की बूंदों को सहेजा जा सके। जिससे कि ग्रामीणों को मानसून के बाद पानी की किल्लत का सामना न करना पड़े। तालाब के पानी को पशुओं और सिंचाई के लिए प्रयोग किया जा सके। इसी प्रयास में तालाबों का संरक्षण किया जा रहा है। यह कार्य मनरेगा के माध्यम से कराया जा रहा है। 

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